डुमरियागंजः विधायक सैयदा खातून पर साम्प्रदायिकता फैलाने के मुकदमे का सच क्या?

March 12, 2022 3:42 PM0 commentsViews: 1960
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सपा के जुलूस में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का आरोप

जुलूस के समय मै कस्बे में मौजूद ही नहीं थी- विधायक सैयदा

नजीर मलिक


सिद्धार्थनगर। नवनिर्वाचित विधायक सैयदा खातून सहित अन्य ज्ञात अज्ञात सैकड़ों लोगों के खिलाफ साम्प्रदायिक उन्माद भड़काने का मुकदमा कायम किया गया है। आरोप है कि उनके कार्यालय के पास निकल रहे विजय जुलूस में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे। जबकि विधायक ने इसे साजिश की संज्ञा देते हुए कहा है कि घटना के समय तो वह मौजूद ही नहीं थीं। उसके उलट उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किये जाने का आरोप लगाया और इसे पूर्व विधायक की साजिश की संज्ञा दी।

क्या है पूरा मामला?

आरोप के मुताबिक मतगणना के दिन सैयदा खातून की जीत की खबर पाकर सपा समर्थक डुमरियागंज स्थिति उनके कार्यालय के पास जुट कर नारे लगाने लगे।आरोप है कि नारे आपत्तिजनक थे। इसका कथित विडियो भी जम कर वायरल किया गया। उसके बाद पुलिस हरकत में आई। डुमरियागंज के एसएचओ वकील पाण्डेय के मुताबिक नवनिर्वाचित विधायक सैयदा खातून सहित ज्ञात अज्ञात ढाई सौ सपा समर्थकों के खिलाफ साम्प्रदायिक उन्माद भडकाने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया, जिनमें 13 की पहिचान भी हो गई है।। मगर भाजपा समर्थकों का आरोप है कि जुलूस में पाकिस्तान समर्थक नारे भी लगे। इसलिए उन पर और कड़ी घाराओं में मुकदमा कायम करना चााहिए।

क्या है घटना की सच्चाई?

लेकिन जहां तक सच का सवाल है कपिलवस्तु पोस्ट के पास दो विडियो क्लिप मौजूद है। जिसमें पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे जैसा कुछ नहीं है। हां इनक्लाब जिंदाबाद जैसे नारे जरूर सुनाई पड़ते हैं। इसके अलावा एक विडियों में किसी के द्वारा पूर्व विधायक राघुवेन्द्र सिंह को गाली देने की आवाज आती है साथ में दूसरी आवाज गाली देने से मना करने के रूप में आती हैं। ऐसे में घटना में कुछ एक दोषियों के खिलाफ गाली देने तथा धारा 144 के उल्लंघन का मुकदमा बनता है। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे की बात एक अफवाह के सिवा और कुछ नहीं लगती। इसलिए विडियों की जांच कराना जरूरी है। यदि विडियों में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे प्रमाणित होते हैं तो दोषियों को दंड मिले अन्यथा इस प्रकार की झूठी अफवाह फैला कर समाज को तोड़ने का प्रयास करने वाले षडयंत्रकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

क्या विधायक घटना स्थल पर थीं?

इस मामले में सबसे पेचीदा सवाल यह है कि क्या विधायक सैयदा खातून घटना के वक्त मौक पर थीं? इस बारें में स्वयं विधायक सैयदा ने बताया कि वह घटना के समय सिद्धार्थनगर से निर्वाचन प़त्र लेकर एक सीओ सहित पुलिस स्कोर्ट के साथ घर वापस लौट रही थीं। जिसकी पुष्टि की जा सकती है। फिर भी वह अभियुक्त बना दी गईं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि पुलिस उनके निर्दोष कार्यकर्ता को परेशान कर रही है। उन्होंने घटना के पीछे डुमरियागंज के पूर्व विधायक का हाथ होने का आरोप लगाया।

एसपी से मिली सैयदा

विधायक सैयदा खातून ने आज यहां पुलिस अधीक्षक से मिल कर उन्हें ताजा हालात की जानकारी इी तथा ग्राम माली मैनहां के कुछ लोगों को पुलिस द्धारा उठाने के मामले की भी जानकारी दी। एसपी डा> यशवी सिह ने मामले की जाच का आश्वासन भी दिया हैं। बाद में कपिलवस्तु पोस्ट से उन्होंने कहा कि हम डुमरियागंज में भाईचारा और शांति के पक्षघर हैं। मगर कुछ हताश लोग डुमरियागंज में साम्प्रदायिकता को हवा देने में लगे हैं। जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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