मैं चाहे जो करु, मेरी मर्जी के तर्ज पर काम कर रहे सदर एसडीएम
संजीव श्रीवास्तव
सावधान! अगर आप नौगढ़ तहसील क्षेत्र में मकान निर्माण की सोच रहे हैं, तो आपकों ईंट, बालू, सीमेंट आदि के लिए परेशान नहीं होना पडे़गा, मगर मिटटी के इंतजाम में आपके पसीने छूट जायेंगे। इस क्षेत्र में मिटटी खनन का परमिट नहीं बन रहा है और यहां के एसडीएम साहब “मैं चाहे जो करु, मेरी मर्जी” की तर्ज पर काम कर रहे है। वह बिना किसी जुगाड़ के आपको मिटटी नहीं देने वाले हैं।
एसडीएम के अड़ियल रवैये से मिटटी कारोबारियों में गहरा आक्रोश पनप गया है। दर्जनों ट्रैक्टर-ट्राली पहिये थम गये है। उन पर काम करने वाले मजदूर के घर का चूल्हा हफ्तों से ठंडा पड़ गया है, मगर एसडीएम साहब को इन सबकी जरा भी चिंता नहीं है।
दरअसल प्रशासन की ओर मिटटी खनन का परमिट जारी नहीं हो रहा है। अब यहां सवाल यह उठता है कि अगर किसी को मिटटी की आवश्यकता हो, तो वह कैसे इसका इंतजाम करेगा। उप जिलाधिकारी सदर रजित राम प्रजापति वर्तमान में मिटटी कारोबारियों के पीछे हाथ धोकर पड़ गये हैं। उन्हें अगर कोई ट्रैक्टर-ट्राली मिटटी लदी दिखायी दी, तो उसके चालक की खैर नहीं है। हालांकि वह इस बारें में कोई विकल्प नहीं बता रहे हैं कि कैसे मिटटी कारोबारियों का कार्य चले।
इस सिलसिले में अपर जिलाधिकारी पी. के. जैन से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी वह जनपद भ्रमण पर आये मंडलायुक्त के साथ निरीक्षण में है। बाद में बात करेंगे।