तालीम के बिना कोई कौम तरक्की नहीं कर सकती-डा. वहाब
हमीद खान
इटवा, सिद्धार्थनगर। अगर हिन्दुस्तान का जायजा लिया जाए तो एक अजीब व गरीब कैफियत तारी हो जाती है। चाहे वह शिक्षा के मामले में हो या सियासत में। हर एक में मुसलमानों की लीडरशिप जीरो है।शिक्षा से दूर होने की वजह से आज मुसलमान तरक्की से भी कोसों दूर हैं। शिक्षा के बगैर कोई कौम तरक्की नही कर सकती है।
उक्त बातें इटवा बाजार में जमीअत अहले हदीस हलका इटवा की तरफ से आयोजित तालीमी बेदारी कन्वेंशन में मुख्य अतिथि डा. अब्दुल वहाब अलीग ने कही। उन्होंने अमरीका और जापान जैसी टेकनालोजी और शिक्षा में काफी आगे निकल चुके देशों का हवाला देते हुए कहा कि हम मुस्लमानों में दीनी तालीम के साथ साथ दुनियावी शिक्षा में भी आगे आना होगा।
इसी तरह प्रोग्राम के विश्ष्टि अतिथि मौलाना व डा. शाहिद मोबीन ने कहा कि आज हमारे मकातिबांे मदारिस के जिम्मेदारान को चाहिए कि वह शिक्षा को बहतर बनाने में अपना अहम रोल अदा करें। हम देख रहे हैं कि दिन बदिन मदारिसों मकातिब में शिक्षा की गुणवत्ता खतम होती जा रही है।
इस अवसर पर मौलाना मोहम्मद इब्राहीम मदनी ने कहा कि आज मुसलमानों की नई नसल अपने जिम्मेदारी से दूर भाग रही है। अगर गौर से देखा जाए तो मुसलमानों की हालत शिक्षा को लेकर काफी खराब है।
इन के अलावा मौलाना शमसुलहुदा जामयी, मौलाना अब्दुल मन्नान सलफी, मौलाना अब्दुल वहाब हेजाजी, मौलाना मतीउल्लाह मदनी, मौलाना अब्दुल अलीम असरी ने भी अपनी बात रखी।
प्रोग्राम में संचालन मौलाना मुजीबुररहमान रहमानी और अध्यक्षता मौलाना हाफिज अतीकुररहमान ने किया। इस अवरस पर मौलाना नईम, मौलाना अब्दुल वहाब, अनीक अहमद खान, मास्टर इकराम, तराबुल्लाह खान समेत सैकडों लोग मौजूद रहे।