नेपाल में बिगड़े हालात, सेना की गोलीबारी में दर्जनों मधेशी हलाक, उपेन्द्र ने दी नेपाल विभाजन की धमकी
नजीर मलिक
एक माह पहले कैलाली में शुरु हुई हिंसा ने अब नेपाल के समूचे तराई क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। पिछले 48 घंटों में दो दर्जन मधेशियों को जान से हाथ धोना पड़ा है। इससे खिन्न संयुक्त मधेशी मोर्चे ने हिंसा नहीं रुकने पर मधेश प्रदेश के बजाये अलग मधेशी देश बनाने तक की धमकी दे दी है। इसके बाद नेपाल में हिंसा फैलने के आसार और बढ़ गये है।
शुक्रवार को नेपाल के जनकपुर और जलेश्वर में आंदोलनकारियों पर पुलिस द्धारा फायरिंग करने से छः लोगों की मौत हो गई और 38 लोग घायल हो गये है। जलेश्वर की फायरिंग में राम शिला मंडल, शैला देवी चौधरी व गणेश चौधरी की मौत हो गई। गणेश रेडक्रास बजही शाखा के अध्यक्ष और राम शिला प्रजातंत्र पार्टी के नेता हैं।
दूसरी तरफ जनकपुर में कर्फ्यू का उल्लंघन कर सभा कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोली चलाई जिसमें भेगासीपुर के 17 वर्षीय निकू यादव, सदभावना पार्टी के नेता संजय चौधरी और 14 साल के दिलीप यादव की मौत हुई हैं। गोली उसके पीठ और सीने में लगी है। इसके अलावा नेपाल के बीरगंज और कलैया में में पुलिस की गोली से आठ लोगों की मौत की खबर है। बीरगंज में एक व्यक्ति की मौत हुई। यहां सौ राउंड से भी ज्यादा गोलियां चलाई गईं जिसमें कम से कम दो दर्जन मधेशी गंभीर रूप से जख्मी है। बीरगंज में कर्फृयू लगा दिया गया है।
कलैया में मरने वालों में धर्मराज सिंह, सोहन साह, भाला प्रसाद, दीनानाथ साह हिफाजत खां आदि शामिल हैं। यहां भारी पैमाने पर लोग घायल है। पुलिस के दमन से गुस्साए लोगों ने परसा कृषि केन्द्र, और आधा दर्जन पुलिस चौकियों को जला दिया है। बीरगंज के उपद्रग्रसत क्षेत्र में सेना गश्त कर रही हैं। इसके बावजूद मधेशी घरों से निकल कर जगह जगह सभाएं कर आंदोलन को विस्तार देने में जुटे हैं।
तराई के रूपनदेही, कपिलवस्तु, दांग आदि जिलों में भी प्रदर्शन जारी है। आंदोलन में अब महिलाओं की ही नहीं बच्चों की भगीदारी भी होने लगी हैं दस-दस साल के बच्चे भी बिना भय के आदोलनों में शामिल होने लगे है। पुलिस की गोलाबारी में दो बच्चों की मौत इसकी पुष्टि भी करती है
दूसरी तरफ मधेसी आंदोलन को गति देने के लिए कपिलवस्तु जनपद में दौरा करने आये संयुक्त मधेशी मोर्चा के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय तौलिहवा में साफ कहा है, कि अगर नेपाल में मधेशियों पर सेना की गोली वर्षा जारी रही तो मोर्चा, मधेश प्रदेश के बजाये अलग मधेश राष्ट्र के लिए लडे़गा।
मोर्चे के सबसे बडे नेता और अध्यक्ष के इस बयान को नेपाल सरकार ने गंभीरता से लिया है। याद रहे कि नेपाल के मधेशी बहुल जनपदों में सरकारी कार्यालयों पर नेपाल सरकार के बजाये मधेश सरकार के बोर्ड टांगे जा रहे है। आंदोलनों में भी मधेश सरकार के बैनर लहरा रहे हैं।