फर्जी टीचर बनी महिला ने सरकार को लगाया एक करोड़ का चूना, पकड़े जाने से पहले फरार
देवरिया जिले की अमिता शुक्ला बीएसए कार्यालयकी नाक के नीचे लगातर बनी रही फर्जी टीचर, हुई बर्खास्त, मुकदमा दर्ज करने के आदेश
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नजीर मलिक
जिले के परिषदीय स्कूलों में वर्षों से चलने वाला फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आज यहां एक और महिला अध्यापक को जालसाजी के आधार पर नियुक्ति का आरोप लगाते हुए बेसिक शिक्षाधिकारी द्धारा उसकी बर्खास्तगी का औपचारिक एलान किया गया। बताते चलें कि जिले मेंपिछले तीन सालों में लगभग सौ शिक्षक फर्जीवाड़ा के आरोप में जेल जा चुके हैं। चालू वर्ष में बर्खास्तगी का यह पहला मामला है।
फर्जी शिक्षक भर्ती मामले कि जांच कर रही एसटीएफ की टीम ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को प़त्र देकर अवगत कराया था कि सदर विकास खंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाघ्यापिका के अभिलेख दूसरे के नाम पर हैं और इस नाम से तीन अध्यापिकाएं अलग अलग जिलों के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रही हैं। एसटीए ने यह भी बताया कि अमिता शुक्ला नाम की अध्यापिका फतेहपुर जनपद के प्राथमिक विद्यालय बरहा में तैनात है। एसटीए ने बीएसए को यह भी अवगत कराया कि इसी नाम पर दोअन्य महिलाएं बलरामपुर जनपद और सिद्धार्थनगर में तैनात हैं। जांच में इन तीनों टीचरों के सभी अभिलेख, अंकपत्र समान पाये गये हैं।
एसटीएफ द्धारा मिली इस जानकारी के आधार पर बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय सिद्धार्थनगर की ओर सेबसडलिया में तैनात अमिता शुक्ला को तीन अलग अलग नोटिसों के माध्यम से अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया गया लकिन वह अपना पक्ष रखने केलिए हाजिर नहीं हुई। इसके बरअक्स वह विद्यालय से फरार हो गई। त्त्पश्चात जांच की अन्य औपचारिकताएं पूरी कर बीएसए ने उसकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया पूरी की और प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया। दरअसल पिछले तीन सालों में फर्जीवाड़ा करने वाले 123 अध्यापक- अध्यापिकाएं बर्खास्त होकर जेल जा चुके हैं।
एक करोड़ का चूना लगाने वाली अमिता शुक्ला कौन है
अध्यापिका अमिता शुक्ला देवरिया जनपद के थाना बरहज अंर्तगत ग्राम परसिया तिवारी की रहने वाली है। उसने विशिष्ट बीटीसी करने के बाद वर्ष 2009 से इटवा के प्राथमिक स्कूल सुखरामपुर से अपनी सर्विस की शुरआत की। 2013 में वह प्रोन्नति पाकर प्रधानाध्यापिका बनी और उसकी तैनाती सदर ब्लाक अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय बसडलियांआ गई। यह विद्यालय बीएसए कार्यालय के सामने एक किमी की दूरी पर है। कुल मिला कर वह 14 साल तक टीचर रह। इस दौरान उसके वेतन के रूप में सरकार के लगभग करोड़ रूपये का चुना लगाया। समाचार लिखने तकउसकेखिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही थी। बीएसए के मुताबिक इसके निर्देश सम्बधित बीईओ को दे दिए गये हैं।