फर्जी सर्टीफिकेट पर सात साल तक करती रही नौकरी, भेद खुला तो इस्तीफा दे दिया
हमीद खान
खुनियांव विकास खण्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुनियांव में एक आशा बहू ने फर्जी मार्कशीट लगा कर 7 साल तक नौकरी कर लिया। मामले के खुलासे के बाद उसने सेवा से त्याग पत्र दे दिया है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुनियांव में श्रीमती हेमलता दूबे पत्नी सर्वजीत दूबे ने फरवरी 2008 में फर्जी मार्कशीट लगा कर नौकरी कर लिया। भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष राकेश कुमार श्रीवास्तव की शिकायत पर मामला प्रकाश में आया। आशा बहू ने कक्षा आठ पास का जो अंक पत्र लगाया था। वह जांच में फर्जी पाया गया।
नेहरू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय औदही, बढ़नी के प्रधानाचार्य ने लिखित जानकारी में बताया कि श्रीमती हेमलता पुत्री उमेश चन्द्र ने मेरे विद्यालय में अध्ययन नहीं किया है। लिहाजा उसका अंकपत्र फर्जी है।
इसी प्रकार जन सूचना अधिकार अधिनियम से मांगे गये सवाल के जवाब में जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी इसकी पुष्टि की और उसके दस्तावेज काे फर्जी करार दिया।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि शिकायत होने पर आशा बहू ने विभाग को त्यागपत्र सौंप दिया है। भातीय किसान यूनियन के तहसील प्रभरी राकेश कुमार श्रीवास्तव 45 वर्ष का कहना है कि फर्जी अंकपत्र लगा कर नौकरी हथिया लेना कानूनन जूर्म है। संस्थागत छात्रा के रूप में पढ़ाई करने के साथ नौकरी करना सम्भव नहीं है। उन्होंने प्रशासन से आशा बहू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
2:17 PM
farzi par sab kuch chal raha hai