चिकित्सा व्यवस्था की धुरी हैं फार्मेसिस्ट- विजय पासवान
संजीव श्रीवास्तव
भारतीय चिकित्सा व्यवस्था में फार्मेसिस्ट अहम धुरी हैं। इनके बिना चिकित्सा व्यवस्था की कल्पना बेमानी होंगी। चिकित्सक के न रहने पर फार्मेसिस्ट मरीजों का इलाज करते हैं। इनकी जानकारी चिकित्सक से कम नहीं होती है। इसलिए सरकार ने इन्हें उनके नाम के आगे डाक्टर शब्द लिखने की छूट दे रखी है।
यह विचार सदर विधायक विजय पासवान ने कहीं। वह शुक्रवार को जिला चिकित्सालय परिसर में विश्व फार्मेसिस्ट दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर में चिकित्सकों की भारी कमी है, मगर फार्मेसिस्टों के सहारे चिकित्सा व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाया जा रहा है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा अनीता सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मरीज और चिकित्सकों के बीच फार्मेसिस्ट वह कड़ी होते हैं, जिनके बिना स्वास्थ्य सेवाएं लोगों तक पहंुचती है। सिद्धार्थनगर में फार्मेसिस्टों की कई समस्याएं हैं। उन्हें शासन तक पहंुचाया जाना जरुरी है। इसमें सदर विधायक का सहयोग लिया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा ओपी सिंह ने कहा कि फार्मेसिस्ट की जो टेªनिंग होती हैं, उसमें मरीजों के उपचार की जानकारी दी जाती है। फार्मेसिस्ट अपने ज्ञान से चिकित्सकों एवं मरीजों के बीच सुलभ उपलब्ध रहते हैं। इससे पूर्व डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष वाई पी यादव मंत्री गोविंद प्रसाद ओझा ने सभी आतिथियों का माल्यापर्ण कर स्वागत किया।
एसोसियेशन के वरिष्ठ पदाधिकारी जे आर पांडेय ने फार्मेसिस्टों की समस्याओं से सदर विधायक को अवगत कराया। कार्यक्रम में ज्ञानेन्द्र द्विवेदी, अनिल सिंह, डा जी सी श्रीवास्तव, डा आर एम गुप्ता, डा अवधेश पाल, अश्वनी श्रीवास्तव, के एन शुक्ला, अशोेक मिश्रा, ओ पी चौधरी, अशोक त्रिपाठी, ओंकार नाथ पांडेय, रुप नारायण त्रिपाठी आदि की मौजूदगी रही।