लाइन में बीता महीने का पहला दिन फिर भी हाथ नहीं आया कैश
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। नोटबंदी के तेइसवें दिन यानी की पहली दिसम्बर को भी बैंको में कैश की स्थिति नहीं सुधरी जिससे अधिकांश बैंको एवं एटीएम के बाहर पैसा निकालने वालों की लंबी कतारे दिन भर दिखाई दी।
शहर के स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, पंजाब नेशनल बैंक समेत कई बैंको की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों समेत अन्य उपभोगताओं की तादाद काफी अधिक है। आम दिनों में भी इन बैंको की शाखाओं पर भीड का दबाव अधिक रहता है। नोटबंदी के बाद यह भीड अचानक बढ गई है। बैंको में कैश समस्या ने स्थिति को और भी विकट बना दिया है।
गुरूवार यानी पहली दिसम्बर को कई कर्मचारी अपनी सैलरी लेने बैंको में पहुंचे उनके पहुंचने के पहले ही बैंको में लाइन लग चुकी थी। कर्मचारी लाइन में खडे होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। इनमें से कई कर्मचारियों को लाइन में लगने के बाद भी कैश नहीं मिल पाया। उनकी बारी आने पर बैंको में कैश समाप्त हो चुका था।
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया की विकास भवन शाखा पर लाइन में खडे दस्तगीर अहमद, चन्द्रभान यादव, सुदामा प्रसाद, रामदेव आदि ने नोटबंदी के फैसले पर तो खुशी जाहिर की, मगर व्यवस्था छिन्न–भिन्न होने पर अपनी नाराजगी जाताई। कर्मचारियों ने कहा कि जिस मर्दानगी से प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का फरमान जारी किया था। अब उसी साहस से व्यवस्था को सुधारना उनकी जिम्मेदारी है, अगर ऐसी ही व्यवस्था से जनता को दो–चार होना पडता है। तो यह फैसला बेमतलब है।