flash back– शोहरतगढ़ से कांग्रेस 6 व भाजपा 4 बार जीती, 2012 में सपा ने खोला खाता
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ़ का चुनावी इतिहास भी कम मजेदार नहीं है। यंहा 1974 से लेकर 2012 तक के चुनावी इतिहास में जहां पहली बार सपा जीती है वहीं छः बार कांग्रेस और चार बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। जबकि सपा ने गत चुनाव में पहली बार खाता खोला है। लगातार 1996 से पूर्व मंत्री स्व. दिनेश सिंह और पूर्व विधायक चौधरी रविन्द्र प्रताप के बीच ही टक्कर होती आई है।
74 से 91 तक रहा कांग्रेस का दबदबा
‚बता दें कि 1974 के चुनाव में कांग्रेस के प्रभू दयाल विद्यार्थी ने 26101 मत पाकर भाजपा के शिवलाल मित्तल (25287) को हराया था, तो 1977 में शिवलाल ने 32236 मत पाकर कांग्रेस की कमला साहनी (21465) को हराया था। अस्सी के चुनाव में कांग्रेस की कमला साहनी (38222) ने फिर भाजपा के शिवलाल मित्तल( 15739) को हरा कर कांगेस को जीत दिलाई।
1985 के चुनाव में कांग्रेस की कमला साहनी (34943) ने भाजपा के शिवलाल मित्तल (24030) को हरा दिया। पांच साल बीतने के बाद 89 के चुनाव में कांग्रेस की कमला साहनी (32509) ने फिर भाजपा के शिवलाल मित्तल (31658 ) को मात्र 851 मतों से पराजित कर लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुचीं।
1991 से बढत पर रही बीजेपी
‚लगातार तीन बार हार चुके भाजपा के शिवलाल मित्तल को जनता ने 1991 में 37321मत देकर कांग्रेस की कमला साहनी (26047) को हरा दिया। 1993 में भाजपा ने मित्तल का टिकट काट कर 1993 में चौधरी रविन्द्र प्रताप उर्फ पप्पू को उम्मीदवार बनाया पप्पू चौधरी (47961) ने बसपा के मोतीलाल विद्यार्थी (37341) को पराजित किया। 96 के चुनाव में भी 46346 मत पाकर उन्होंने कांग्रेस के दिनेश सिंह (33486) को हराया और दूसरी बार जीतेे।
2002 में कांग्रेस के दिनेश सिंह 35738 और भाजपा छोड सपा में आ चुके पप्पू चौधरी 30152 और बसपा के मुमताज अहमद 30131 के बीच हुई भिडंत में दिनेश सिंह ने मुमताज अहमद को हरा कर विजस प्राप्त की।
पहली बार जीती सपा
2007 के चुनाव में पप्पू चौधरी (33716) ने बसपा के मुमताज (31524) के साथ ही सपा के दिनेश सिंह को भी हराया। लेकिन 2012 के चुनाव में दिनेश सिंह के देहान्त के बाद उनकी पत्नी लाल मुन्नी सिंह (51011 ) ने फिर बसपा के मुमताज को (33423) को हरा दिया। शोहरतगढ में यह सपा की पहली जीत रही।
इस बार बसपा ने अपना प्रत्याशी बदल कर जिले के युवा नेता मो. जमील सिद्दीकी को बनाया है। पप्पू चौधरी और दिनेश सिंह के बेटे उग्रसेन सिंह के बीच फिर टक्कर की उम्मीद है। चुनावी नतीजा देखना बेहद दिलचस्प हो सकता है।