5 करोड़ की लागत से बन रही सियरापार रोड में भ्रष्टाचार, विभाग की गले की हड्डी बना, डीम ने बिठाई जांच कमेटी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला मुख्यालय स्थित पकड़ी से आगे महुलानी सियरापार जाने वाली 5 किमी. निर्माणाधीन सड़क भ्रष्टाचार का शिकार हो कर रह गई है। सड़क निर्माण में मिट्टी से पिचिंग तक हर स्तर में हुई गड़बड़ी की जानकारी के बाद इसकी जांच के लिए जिलाधिकारी ने जांच कमेटी बना दी है। इसके बाद ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में हड़कम्प मच गया है।जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि जांच में दोषी पाये जाने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
पकड़ी चौराहे के जरा आगे से निकलने वाली सियरापार रोड लगभग पांचकिमी लम्बी है। जिसके निर्माण की कुल लागत लगभग 5 करोड है। इसकी लागत से सड़क के स्तर का अनुमान लगाया जा सकता है। परन्तु यह सड़क एक ऐसे ठेकेदार के हाथ चली गई जो गुणवत्ता विहीन काम के लिए अक्सर चर्चित रहता है। शिकायतकर्ता विनोद कुमार सिंह के मुताबिक सड़क निर्माण में पटरी बनाने से गिट्टी, तारकोल व डस्ट आदि में व्यापक गड़बड़ी की गई है। सबसे बड़ी बात कि कानट्रैक्ट के मुताबिक सड़क को हाटमिक्स के बजाए मैनुअल सिस्टम के प्रयोग से बनाया जा रहा है। जिसके चलते सड़क का जल्द टूटना लगभग तय है।
इस बारे में शिकायतकर्ता विनोद सिंह ने जिलाधिकारी से मिल कर उन्हें पूरे प्रकरण से अवगत कराया। जिसे जानकर डीएम मीणा ने इसे गंभीरता से लिया और पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बिठा दी। जिसकी जानकारी मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया है। परन्तु विभागीय अफसर भले ही सहम गये हों, मगर ठेकेदार पर कोई फर्क नहीं पड़ा है और शिकायत के बाद भी मैनुअल तरीके से उसकी पेंटिंग जारी है। लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी के पास शिकायत के बावजूद ठेकेदार पर कोई असर न पड़ना उसकी दबंगई का परिचायक है।
डीम बोले- रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई
इस बारे में डीएम दीपक मीणा ने मडिया कर्मियों के पूछने पर बताया कि मामला उनके संज्ञान में आ गया है। उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी बना दी है। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी की रिपोट से पहले कुछ कहना उचित न होगा, मगर इतना जरूर कहा कि जांच में दोषी पाया गया कोई भी जिम्मेदार बख्शा न जाएगा। उधर सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार के हाथ बहुत लम्बे हैं। ऐसे में दोषी सिद्ध होने पर उसके खिलाफ क्या कर्रवाई होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।