फरच्यूनर तो मिल गई, मगर रिवाल्वर क्यों नही बरामद कर पा रही इटवा पुलिस?

May 6, 2025 1:39 PM3 commentsViews: 1019
Share news

नजीर मलिक

इजहार अहमद के रिवाल्वर का लाइसेंस

सिद्धार्थनगर। डेढ़ महीने पहले इटवा थाने से दो सौ मीटर दूर मस्जिद के सामने से उठाई गई एक फारच्यूनर कार और एक रिवाल्वर चोरी की घटना का अभी तक पर्दा फाश नहीं हो सका है।  35 लाख की कार और 2 लाख की रिवाल्वर क्षेत्री के जिला पंचाायत सदस्य इजहार अहमद की थी। एक वाहन लिफ्टर ने कार और रिवाल्र उस वक्त गाायब किया जब वह मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे। घटना 21 मार्च की रात नौ बजे घटित हुयी थी।

बरामद फारच्यूनर कार

बहरहाल रिवाल्वर के साथ फार्च्यूनर की सूचना इटवा पुलिस को दी गई। इटवा पुलिस ने इतना किया कि आसपास के जिलों की पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने हर संभावित रास्ते के नाकों पर चौकसी बढ़ दी। इसी चौकसी के दौरान उक्त फार्च्यूनर गोंडा ज़िले के मानिकपुर थाने की ददौली पुलिस चौकी पर पर रोकी गई, मगर कार चालक रुकने के बजाय बैरियर तोड़ कर भागने लगा। इस तेज़ी में कार लोहे के बैरियर से टकरा कर बन्द हो गई। फलतः ड्राइवर कार को वहीं छोड़ कर रिवाल्वर ले कर भाग निकला। इस रोकथाम में लिफ्टर ने रिवाल्वर की ही बट से वार कर एक सिपाही को घायल भी कर दिया था। लेकिन इस चाौकसी में इतना तो हुआ कि कार बरामद हो गई।

इसके आगे की कहानी चौंकाने वाली है। फारच्यूनर में बमुश्‍किल पांच लीटर पेट्रोल था। अतएव भागने के दौरान वाहन चोर ने रास्ते में कहीं पेट्रोल जरूर डलवाया होगा।फलतः वह सीसीटीबी में कैद जरूर हुआ होगा। पुलिस अगर भागने के रास्तों के 50 से सौ किमी के बीच के प्रट्रोपंपों के सीसी कैमरे की चेकिंग करती तो वाहन चोर कह पहचान मुमकिन थी। मगर इटवा थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष ने इस जरूरी छानबीन को गैरजरूरी समझा। वादी इजहार अहमद का कहना है कि उन्होंने  इस बारे में में कई बार थानाध्यक्ष से कहा मगर वे हर बार आज कल की बात कह कर बात टालते रहे। आखिर तत्कालीन थानाघ्यक्ष ने जांच के इस महत्वपूर्ण बिंदु को क्यों छोड़ दिया, यह समझ से परे है।

इस प्रकरण में ताजा अपडेट यह है कि Bइvअवा के नये थानाध्यक्ष ने भी इस मामले में एक बार घटना स्थल का मुआयना तो किया मगर भागने के रास्ते पर सीसीटीवी को चेक करने का उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया। वाहन मालिक और इजहार अहमद े पिता पूर्व जिला पंचाायत सदस्य इसरार अहमद का कहना है कि इस घटना में वाहन लिफ्टर को पड़ने के प्रयास के दौरान लिफ्टर के वार से एक सिपाही घायल भी हुआ था। जिहाजा पुलिस को तो और भी दिल्चस्पी लेनी चाहिए थी।

सवाल है कि इटवा पुलिस उक्त सीसीटीवी को कब चेक करेगी। यदि इस बीच सीसीटीवी की फुटेज गायब हो गई या किसी वजह से नष्ट हो गई तो क्या होगा? कहीं ऐसा तो नहीं कि सीसीटीवी न चेक करने के पीछे कोई खास वजह है? पुलिस किसी दबाव में तो नही है? यदि ऐसा नहीं है तो पुलिस की कथित व्यस्तता की वजह क्या है? यह सवाल पूरे इलाके में चर्चा का विषय है तथा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है।

 

 

Leave a Reply