खुलासाः असम से वाहन चोरी के मामले में पूर्व थानेदार को हो सकती है जेल
नजीर मलिक
“असम से चुरा कर सिद्धार्थनगर में बेचे गये वाहनों के मामले में सिद्धार्थनगर थाने के पूर्व एसओ नरेन्द्र सिंह पर शिकंजा कसता जा रहा है। खुलासा हुआ है कि चोरी की एक वोलेरो जीप उन्होंने भाई के नाम खरीदा था। पुलिस विभाग भी अब उनके खिलाफ कार्रवाई की बात मान रहा है”
आरटीआई कार्यकर्ता अरुणा सिंह और आम आदमी पार्टी के नेता बदरे आलम द्धारा डीजीपी और एआरटीओ सिद्धार्थनगर के यहां डाली गई आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि 16 मई 2015 को अब्दुल कादिर से बरामद वोलेरो असम के गुआहाटी की थी। उसका नम्बर एएसआई-एटी 2748 था।
असम से चोरी के बाद इसे यतेंन्द्र सिंह ने सिद्धार्थनगर थाने के पते पर खरीदा था इसी पते पर उन्होंने सिद्धार्थनगर एआरटीओ से रजिस्ट्रेशन भी कराया था। यतेन्द्र अपने को थानाध्यक्ष नरेंन्द्र सिह का सगा भाई बताता था। वह उन्हीं के साथ रहता भी था। हालांकि नरेन्द्र सिंह ने अपने बयान में उसे भाई मानने से इंकार किया है।
दूसरी तरफ उसी थाने के सब इंस्पेक्टर राम सिंह ने 22 मार्च 2015 को यतेन्द्र का प्रमाणपत्र बनाते समय उनका पता थाना परिसर लिखा था। राम सिंह का कहना है कि यतेन्द्र सिंह थाने में थानाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह के आवास पर रहता था और अपने को उनका भाई बताता था। इसी आधार पर उन्होंने रिपोर्ट बनाया था।
इस बारे में पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी का कहना है कि पूरे प्रकरण में एसओ की भूमिका संदिग्ध है। उनके खिलाफ विभागीय जांच पूरी होने को है। इसके बाद कार्रवाई की जायेगी।
याद रहे कि मई में असम से चुरा कर सिद्धार्थनगर में बेची गई एक दर्जन गा़िड़यों का भंडाफोड़ हुआ था। कई गाड़ियां बरामद भी हुई थीं। इनमें एक बोलेरो, बढ़नी इलाके के अब्दुल कादिर के पास से बरामद हुई थी।
जांच में पता चला कि कादिर ने वह गाड़ी सिद्धार्थनगर के तत्कालीन एसओ नरेंन्द्र सिंह के भाई यतेंन्द्र सिंह से खरीदा था। इसके बाद थानेदार नरेन्द्र संदेह के घेरे में आ गये थे।
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