श्री सिहेंश्वरी देवी मंदिर पर 10 बच्चों को निशुल्क वेदों व कर्मकांड के साथ-साथ हाईटेक शिक्षा
गुरुकुल परंपरा के साथ आधुनिकता से भी कदमदाल करते हैं
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। राष्ट्र के लिए विद्वान आचार्य तैयार करने के उद्देश्य से नगर स्थित श्री सिहेंश्वरी देवी मंदिर पर संचालक आचार्य दिव्यांशु महराज के मार्गदर्शन में 10 विद्यार्थियों को निशुल्क वेदों व कर्मकांड के साथ-साथ हाईटेक शिक्षा भी दी जा रही है। यहां अध्ययनरत सभी विद्यार्थी गुरुकुल परंपरा का तो अनुसरण करने के साथ आधुनिकता से भी कदमदाल करते दिखते हैं।
नगर स्थित श्री सिहेंश्चरी देवी मंदिर पर आचार्य दिव्यांशु महराज के निर्देशन में पंडित शारदा प्रसाद पांडेय की अगुवाई में 10 बच्चों को निशुल्क वेद, व्याकरण, ज्योतिष, कर्मकांड एवं कम्प्यूटर की शिक्षा दी जा रही है। कर्मकांड की पढ़ाई पंडित सुधीर पांडेय की ओर से कराया जा रहा है।
निशुल्क रूप से पढ़ाई के साथ ही आवासीय व्यवस्था के तहत गोंडा निवासी छात्र विक्रम पांडेय, नितिन मिश्रा, अजय मिश्रा, सुल्तानपुर के शिवा तिवारी, सिद्धार्थनगर के गोकुल दुबे, अंश दुबे, आदित्य तिवारी, नेपाल के मिथिलेश तिवारी, राहुल पाठक नित्य गुरुकुल नियमों के तहत सुबह चार बजे उठते हैं तथा दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद उपासना करते हैं। इस दौरान उन्हें वेद उपनिषद, व्याकरण व साहित्य की शिक्षा दी जाती है। गुरुकुल परंपरा के तहत बच्चे वस्त्र धारण करते हैं। मुंडिक मस्तक, माथे पर टीका व धोती बांधते है।
गुरुकुल के तकनीकी सत्र में पारंपरिक ज्ञान के साथ-साथ आधुनिकता का रोचक संयोजन नजर आता है। आचार्य दिव्यांशु महराज कहते हैं कि बच्चों को वेदाध्ययन, संगीत, कृषि औद्योगिकीकरण आदि के सैद्धांतिक और प्रायोगिक अध्ययन सहित अंग्रेजी भी पढ़ाई जाती है। लोककल्याण के लिए वैदिक परंपरा को बचाए रखना जरूरी है। हम बच्चों को लकीर का फकीर नहीं बनाना चाहते, बल्कि एक श्रेष्ठ एवं संपूर्ण विद्वान बनाना चाहते हैं जो हर क्षेत्र में निपुण हों।