सेहत के मोहकमे ने तोड़ रखी है नाकारेपन की सारी हदें
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर के स्वास्थ्य के विभाग के जिम्मेदारों ने नाकारेपन की हदें पार कर रखी हैं। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में इंसेफेलाइटिस, मलेरिया समेत अन्य तमाम संक्रामक बीमारियां पांव पसार चुकी हैं, और स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। छिड़काव आदि का कार्य ठप पड़ा है। सबको शिक्षा स्वास्थ्य का नारा देने वाली सरकार इन पर कोई लगाम कस पाने में विफल है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अभी तक यहां पर पांच दर्जन से अधिक इंसेफेलाइटिस रोगी सामने आ चुके हैं। इसके अलावा मलेरिया आदि बीमारियों से सौ से अधिक लोग ग्रस्त हैं। शासन के निर्देशानुसार जिन गांवों में रोगी पाये गये हैं, वहां पूरे गांव में छिड़काव करना आवश्यक है, मगर स्वास्थ्य विभाग संसाधनों की कमी के चलते मूकदर्शक बना है।
सीएमओ डा विजय कुमार का कहना है कि छिड़काव आदि के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। जिला स्वास्थ्य समिति में थोड़ा बहुत धन था। जिससे कुछ गांवों में छिड़काव कराया गया, मगर अभी तमाम गांवों इससे वंचित है। बजट के लिए पूर्ववर्ती अफसरों शासन को पत्र लिखा था, मगर अभी तक कोई बजट नहीं मिला।
ज्हां तक पीड़ित गांवों का सवाल है, तो ग्राम दतरंगवा के राजमन गौड़, मधुकरपुर राजन प्रसाद, परसा महापात्र रामअजोर आदि ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते उन्हें हर पल संक्रामक बीमारियों का डर सता रहा है, मगर विभाग का कोई भी कर्मी गांव में झांकने नहीं आता है। ऐसे में विभाग की सुस्ती से उनकी जान खतरें में है।