गरीब का घर ही नहीं जला, एक बेबस बहन के अरमान भी खाक हो गये
अमित श्रीवास्तव
मिश्रौलिया, सिद्धार्थनगर। इटवा तहसील के खैरा खास गाँव के पश्चिम डीह निवासी हरिश्चन्द्र पुत्र स्वर्गीय चीनक के का फूस का मकान अज्ञात कारण से आग लगने के कारण जल कर राख हो गया। इसी के साथ खाक हो गये बहन की शदी के अरमान। फूस का मकान तो फिर खड़ा हो जायेगा, लेकिन उसके बहिन की डोली कैसे उठेगी, यह उसके लिए अहम सवाल बन गया।
खैरा गांव में मिट्टी की दीवालों से बने फूस के मकान में हरिश्चंद्र अपनी पत्नी लक्ष्मी, माता सतनी, भाई -सुग्रीम, -18 वर्षीय बहन -केतकी तथा अपने चार बच्चों के साथ रहता था। बीती रात खाना -पानी खाकर पूरा परिवार सो रहा था, कि अचानक छप्पर के मकान में आग लग गयी।आग लगने पर ग्रामीणों ने घर में सो रहे लोगो को सुरक्षित बाहर निकाला।जब तक फूस के मकान में लगे भीषण आग को ग्रामीण बुझा पाते तब तक घर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।
पीड़ित हरिशचन्द्र ने बताया कि इस आग में घर में रखा 25 हजार रुपया नकद व बहन केतकी के शादी के लिए रखे -सोने -चांदी के आभूषण,मां सतनी के आभूषण,पत्नी -लक्ष्मी के कुछ सोने -चांदी के आभूषण सहित खाने पीने के रखे सामन सहित बिस्तर और कपड़े सब जल कर राख हो गया। उसने एक पैसे बहिन की शदी के लिए बड़ी मेहनत से जोड़ रखे थे।
इस घटना के बाद पीड़ित परिवार के खाने -पीने व रहने के लिए लाले पड़ गये हैं ! पीड़ित ने पाई पाई बटोर कर बहन की शादी व छप्पर के जगह एक अदद छत लदवाने के लिए रखा था।मार्च में बहन की शादी के लिए मेहनत -मज़दूरी कर हाथ पीले करने की सोच रहा था। घटना की सूचना स्थानीय लेखपाल को ग्रामीणों द्वारा दी गई है। मगर बहन केतकी के जले हुए अरमानों को फिर साबुत बनाने का काम तो प्रशासन नहीं कर सकता। अब तो समाज ही उनकी मदद कर सकता है।