डीएम साहबǃ यह है गेहूं खरीद कर सच, 40 रुपया प्रति कुंतल रिश्वत दे रहे किसान
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सरकार बदल गर्इ। नये मुख्यमंत्री अफसरों की सोच बदलने का दावा कर रहे हैं, मगर सिद्धार्थनगर जिले के अफसर मुख्यमंत्री की मंशा को ही धता बताने पर तुले हुए हैं। जिले ममें गेहुं बेचने वाले किसान से खुले आम ४० रुपया प्रति कुंतल की रिश्वत किसानों से ली जा रही है। जनता को सब मालूम है। मीडिया के पास इसका प्रमाण है और हैरत है कि जिले के अफसर को इसका एहसास नहीं है।
जानकारी के अनुसार डुमरियागंज के पीसीएफ केन्द्र बढ़नी कोल्ड स्टोरेज पर किसानों से गेहूं खरीद पर प्रति कुंतल ४० रुपये की रिश्वत ली जा रही है। केन्द्र पर बैठक कर्मी कहते हैं कि खरीद में २५ रुपया प्रति कुंतल की दर से लेबर चार्ज और १५ रुपया पीसीएफ में रख रखाव खर्च आता है। किसान जब अपने गेहूं पर ४० रुपये की दर से नकद में खरीदकर्मी को चुकता करता है तो उसका गेहूं खरीद कर १६३५ रूपये की दर से चेक से भुगतान कर दिया जाता है।
हालांकि डुमरियागंज के इस केन्द्र के खरीद अधिकारी शिवपाल प्रजापति का बी जुबान में कहना है कि हो सकता पीसीएफ में भंडारण करने वाले कुछ लेते हों, लेकिन खरीद के दौरान उनके केन्द्र पर कोई पैसा नहीं लेता। जबकि किसान कहते हैं कि वह झूठ बोलते हैं। उन्हें जब चाहे पैसा लेते प्रशासन पकड़ सकता है।
यह बात के केवल डुमरियागंज तक सीमित नहीं है। बल्कि पूरे जिले में ऐसा हो रहा है। पता चला है कि जिले के तमाम खरीद केन्द्रों पर खरीद अधिकारी किसानों से बिना रिश्वत लिये उनका गेहूं नहीं खरीदते। यह रिश्वत २० से चालीस रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से ली जाती है। किसानों से यह रकम पल्लेदारी व भंडारण के नाम पर ली जाती है। किसान इस धांधली की फरियाद करता है मगर सुनवाई नहीं होती। क्या प्रशासन की नींद टूटेगी, यह बड़ा सवाल है।