गेंगटा कांडः भगवान से नाराज था, इसलिए तोड़ा था शिवलिंग व मां पार्वती की मूर्ति, जेल गया
बीमार बेटे को स्वास्थ्य लाभ न मिलने से गुस्साए श्रद्धालु ने की थी तोड़ फोड़, पुलिस की तेजी से टला साम्प्रदायिक तनाव का खतरा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। खेसरहा थाना क्षेत्र के ग्राम गेंगटा में बने शिव मंदिर मेंशिवलिंग और माता पार्वती की मर्ति को तोड़े के मामले में पलिस ने उसी गांव के सुनील पुत्र बाढ़ू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस के मुताबिक निरंतर पूजा अर्चना के बावजूद उसके बेटे को स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा था। इसलिए भगवान से नारज होकर सुनील ने यह दुष्कृत्य किया। इसके अलावा इसी क्रम में सुनील और मंदिर के पुजारी के बीच विवाद की बात भी सामने आया है। बहरहाल पुलिस के इस खुलासे से क्षेत्रय लोगों ने राहत की सांस ली है, वरना तमाम लोग चुनाव के दौर में साम्प्रदायिकता के खतरे को लेकर आशंकित थे।
बताया जाता है कि गत तीन अप्रैल को मंदिर में हुई तोड़ फोड की घटना के बाद से जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से एलर्ट था। चूंकि लोकसभा चुनाव करीब था इसलिए कतिपय स्वार्थी तत्वों द्धारा इसका साम्प्रदायिक लाभ उठाने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता था। ऐसे में जिलाधिकारी पवन अग्रवाल व एसपी प्राची सिंह ने तत्काल मौके पर पहुंच कर हालात को काबू में रखा और मामले की छानबीन के लिए तत्काल 5 टीमें गठित कर दी। इसके बाद पुलिस की टीमें छानबीन में लग गईं। अपने सूत्र, सीसीटीवी व अन्य कई माध्यम से कुछ साक्ष्य अभियुक्त सुनील के खिलाफ पाये गये। इसके बाद सुनील का मंदिर के पुजारी से विवाद होने की बात भी सामने आयी। ऐसे में सुनील को संदिग्ध मानते हुए पूछताछ के लिए उसे शनिवार की शाम हिरासत में ले लिया गया। देर रात तक चली पूछताछ में आखिर सुनील टूट गया तथा उसने मूर्ति तोड़ने के पीछे की जो कहानी बताई वह बेहद चौकाने वाली थी।
अभियुक्त सुनील द्वारा पूछने पर बताया गया कि उसका बेटा काफी दिनो से बीमार रहता था जिसको ठीक होने के लिए मैने शिवमंदिर में मन्नत मांगी थी। लेकिन तमाम पूजा अर्चना के बाद भी उसका बेटा ठीक नही हुआ। यही नहीं मंदिर के पुजारी ने भी लगातार आश्वासन दिया कि उसका बेटा ठीक हो जायेगा। लेकिन काफी दिन बाद भी जब बेटा ठीक नहीं हुआ तो मेराविश्वास हिल गया। पहले मेंरा विवाद पुजारी से हुआ। इसके बाद भी गुस्सा शांत नहीं हुआ तो तीन अप्रैल को मैने शराब पी और लगभग आधी रात को मैने मंदिर में घुस कर वहां स्थपित शिवलिंग और मां पार्वती की मर्ति को तोड़ कर खंडित कर दिया। इस बयान के बाद उसके खिलाफ मुकदमा लिखा लिखा गया। इस बारें में थानाध्यक्ष खेसरहा ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद रविवार को अभियुक्त सुनील को अवकाश कालीन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
बहरहाल जिला पुलिस की गंभीरता के चलते इस मामले का खुलासा तीसरे दिन ही हो गया। वरना घटना के बाद से ही मामले में साम्प्रदायिकता के खतरे की आशंका दिखने लगी थी और कुछ लोग इस चिंता से आशंकित भी होने लगे थे। लेकिन पुलिस ने समय रहते असली मुजरिम को पकड़ कर ऐसी आशंका को ही समाप्त कर दिया।