अब ‘घरौनी अभिलेख’ होगें घरों के मालिकाना हक के पक्के सबूत
सदर तहसील से घरौनी वितरण काम समारोह पूर्वक प्रारम्भ
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। अब तक प्रदेश के गांवों/कस्बों में बंजर, आबादी आदि की जमीनों पर बने मकानों का मालिकाना हक साबित कर पाना बहुत मुश्किल होता था। कई बार इन पर कब्जे को लेकर हिंसा भी हो जाती थी। परन्तु अब सरकार जनता को ऐसे विवादों से बचाने के लिए घरौनी नामक अभिलेख जारी कर रही है।यह अभिलेख जिसके नाम होगा, सम्बनिधत मकान कास्वामी वही माना जाएगा। गत दिवस स्वामित्व योजना के अन्तर्गत आवासीय अभिलेख (घरौनी) वितरण शुरू भी करदिया गया है।
स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) वितरण समारोह के अवसर पर लोहिया कला भवन में मुख्य अतिथि सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता एवं मा0 विधायक बांसी जयप्रताप सिंह, जिलाधिकारी श्री संजीव रंजन की उपस्थिति में ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद डुमरियागंज श्री जगदम्बिका पाल ने कहा कि आज ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) वितरण मुख्यमंत्री जी द्वारा लखनऊ से शुभारम्भ किया। भारत की आजादी के बाद पहली बार यह सम्भव हुआ कि आम जनमानस को घरौनी उपलब्ध हो रही है, इससे पहले भू-लेख पर जमीन आबादी/बंजर दर्ज रहता था। पहली बार आपको मालिकाना हक घरौनी का दिया जा रहा है। इस घरौनी से आपकी आर्थिक दिशा में बदलाव आयेगा। इस घरौनी से आप आसानी से ऋण ले सकते हैं।