गोरखपुर-बस्ती मंडल की सीटों पर बसपा का दुबारा मंथन, कई सीटों पर बदले जा सकते हैं उम्मीदवार
नजीर मलिक
सिद्धार्थगर। गोरखपुर और बस्ती मंडल की तकरीबन एक दर्जन विधान सभा सीटों पर बसपा ने दुबार मंथन शुरू कर दिया है। इनमें से कई सीटों पर उम्मीदवारों को बदले जाने की सभावना है। सिद्धार्थनगर जिले की तीन सीटें भी बसपा के राडार पर हैं। जबकि गोरखुपर मंउल की तकरीबन आधा दर्जन सीटों पर दुबारा स्क्रीनिंग जारी है।
गत चुनाव की भांति बसपा इस बार भी जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में है। पार्टी कैडर की खुफिया रिपोर्टों के आधार पर कई तय माने जा रहे उम्मीदवारों के क्षेत्र में पकड़ और उनके जनाधार का आंकलन फिर से शुरू कर दिया गया है। यही नहीं दूसरे दलों से निकल कर बसपा में आने को तैयार बैठे कुछ नेता भी इस मंथन का कारण बने हुए हैं।
सिद्धार्थनगर जिले में कम से कम तीन सीटें बसपा के राडार पर हैं। बांसी विधानसभा सरट से पिछले चुनाव में बसपा ने विनय शंकर तिवारी को मैदान में उतारा था। इस बार उन्हें वहां से हटा कर गोरखुपर मंडल में भेजने की बात तय है। उनके स्थाप पर किसी नये उम्मीदवार की तलाश तय है।
नजर तो शोहरतगढ सीट पर भी है। पार्टी के अंदर खाने से मिली जानकारी के अनुसार यहां से अमर सिंह चोधरी की घोषणा के बाद पार्टी तीन अन्य शख्सियतों पर भी गौर कर रही है। सपा के जनाधार में गिरावट के चलते पार्टी अगर मुस्लिमों के बीच अपना जनधार बढ़़ता महसूस करती हैए तो वह किसी अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बना सकती है।
जहां तक इटवा का सवाल हैॉ वहां भी अरशद खुर्शीद के नाम की घोषणा के बाद भी मंथन जारी है। कार्यकर्ताओं का एक वर्ग अभी भी मुहम्मद मुकीम के लिए प्रयासरत है। पार्टी के कई भरासेमंद सूत्ंोछ का कहना हैए कि अंतिम समय तक भी बहन जी को मु़ मुकीम के जीतने का भरोसा हुआ तो वहां भी परिवर्तन संभव है।
जहां तक गोरखपुर मंउल का सवाल हैं, तो गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट के भाजपा विधायक विजय बहादुर यादव की बसपा से नजदीकियां बढ़ी हुई हैं। उनके बसपा आगमन की उम्मीद से पूर्व मंत्री राम भुआल को पार्टी से बाहर किया गया है। पनियरा विधान सभा से विधायक जाण्म सिंह को हटा कर गणेश शंकर पांडेय को लाने की संभावना है।
इसी प्रकार सहजनवा, चिल्लूपार, सिसवा और नौतनवां सीट पर भी बदलाव की चर्चा तेज है। सूत्र कहते हैं कि बसपा की पुरानी प्रत्याशी सूची में अनेक बदलाव की संभावना है। इंतजार कीजिएǃ मायावती पहले भी अपने तमाम फैसलों से सियासी दुनियां में हलचल मचाने के लिए जानी जाती रही हैं।