उफ! रेल हादसे में अब्बास की हुई मौत ने तहसील के समूचे युवाओं को झकझोर दिया
खेल अनुदेशक थे युवा अब्बास मेंहदी, सामाजिक कार्यक्रमों में बराबर करते रहे थे भागीदारी, उनकी पत्नी और इकलौते बच्चे पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज थाना क्षेत्र के हल्लौर कस्बा निवासी एक युवक की गाजीपुर परीक्षा देने के लिए जाते समय बीती रात ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव मे शोक की लहर दौड़ गई है। 30 वर्षीय मृतक का नाम अब्बास मेंहदी बताया गया है। इस हादसे से उनकी पत्नी शहला और चार साल के बच्चे पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। खेलों के प्रति उनकी रुचि तथा अन्य सामाजिक गतिविधियों के चलते वह काफी लोकप्रिय थे। इसलिए उनकी मौत हल्लौरवासियों ही नहीं तहसील भर के युवकों को काफी टीस पहुंचा गई है।
कैसे और कहां हुआ हादसा
क्षेत्र के हल्लौर कस्बा निवासी अब्बास मेहंदी रिजवी पुत्र मोहम्मद मेहंदी मंगलवार को होने वाली बीएड की परीक्षा देने के लिए सोमवार को गाजीपुर रवाना हुए थे। वह शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन से गाजीपुर जा रहे थे। बताया जा रहा है कि गाजीपुर से पहले सादात स्टेशन पर ट्रेन से उतरते समय वह असंतुलित होकर रेलवे ट्रैक पर गिर गये और ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। हादसे की खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंची जीआरपी ने लाश को मर्चेंरी में भेज दिया। मृतक के पास से मिले आधार कार्ड, पैन कार्ड के जरिए लाश की शिनाख्त के लिए डुमरियागंज थाने और परिजन को सूचना दी। परिजन लाश लेने के लिए शाम को ही गाजीपुर के लिए रवाना हो हो गए। और उसकी लाश उसके घर पर लाई गई। इसके बाद गांव स्थित कब्रिस्तान में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में उन्हें सुपर्द ए खाक कर दिया गया।
युवाओं में लोकप्रिय थे अब्बास
उल्लेखनीय है कि अब्बास मेंहदी स्थानीय माध्यमिक विद्यालय में खेल अनुदेशक के पद पर तैनात थे। वह खेलों के बढ़ावे के लिए सदा काम करते थे तथा अनुदेशक का कार्य करने के साथ-साथ देश के विभिन्न शहरों में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए जाते रहते थे। इसलिए वह सामाजिक तौर पर बहुत लोकप्रिय थे। अपने कस्बे के वाओं केलिए वे आइकान सरीखे थे।
बहुतों को झकझाोर गई उनकी मौत
गाजीपुर में अब्बास मेहंदी 20 से 26 फरवरी तक बीएड की परीक्षा में शामिल होकर 27 फरवरी को वापस घर लौटने वाले थे। अब्बास मेहंदी अपने पीछे अपने चार वर्षीय मासूम बेटे जैन तथा पत्नी शहला हसन को छोड़ गए हैं। उनका मिलनसार और शांतिप्रिय स्वभाव हर किसी को भा जाता था। इसलिए उनकी मौत कइयों को झकझोर गई है तथा कस्बे में भी उनकी मौत पर शोक छाया हुआ है।