मां की जान बचाने की कोशिश में, खुद भी मौत की गोद में सो गये, काश बेटे की बात मानी होती?

January 23, 2025 1:31 PM0 commentsViews: 826
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नजीर मलिक

मृतक धर्मवीर अग्रहरि

सिद्धार्थनगर। किसे पता था कि वह अपनी मां को बचाने के लिए निकले हैं मगर अब खुद भी लौट नहीं पायेंगे। दुर्भाग्य से ऐसा ही हुआ भी।इ टवा थाना क्षेत्र के ऊंचडीह निवासी और ४५ वर्षीय किराना  व्यवसाई धर्मवीर अग्रहरि बुधवार को अपनी मां का इलाज कराने के लिए जिला मुख्यालय गये थे। रात में वह वापस लौट रहे थे।मगर बीच रारूते में ही भयानक हादसे हुआ, जिसमें मां के साथ  उनके बेटे धर्मवीर भी अपना जीवन खो बैठे। इस दर्दनाक हादसे से पूरे गांव में शोक मं डुबा दिया है।

दरअसल धर्मवीर की मां 65 वर्षीया विमला देवी बीमार रहा करती थीं। तहसील मुख्यालय इटवा में इलाज ठीक से न हो पाने के कारण वे अपनी मां को अच्छे डाक्टर से दिखाने जिला मुख्यालय आये थे। यहां चेकअप कराने के बाद वे वापस इटवा लौट रहे थे। रास्ते में बाजारडीह गांव में धर्मवीर की बहन की ससुराल भी प्ड़ती थी, लिहाजा वे बहन से मिलने  के उद्देश्य से वे वहां चले गये। वहीं से उन्हों ने अपने बेटे को फोन पर रात में घर पहुचने की जनकारी दी।

बताया जा रहा है कि बहन के घर बजारडीह कोतवाली बांसी से मां के साथ धर्मवीर अग्रहरि रात लगभ्रग आठ बजे घर के लिए निकले।  अभी उनकी बोलेरों जीप इटवा- बांसी मार्ग पर गोल्हौरा चौराहे के पास पहुंची ही थी कि सामने से आती हुई एक ट्रक से उनकी बोलेरो की टक्कर हो गई। चूंकि हादसा थने के करीब ह हुआ था इसलिए  मौके पर तत्काल पुलिस पहुंच गई। उसने घायलों को बोलेरो से बाहर निकाला। गंभीर रूप से घायल मां-बेटे को इलाज के लिए पीएचसी बांसी पहुंचवाया। जहां देखते ही चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना पर अस्पताल पहुंचे उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। हादसे में बोलेरो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने ट्रक व बोलेरो कब्जे में लेकर जांच व कार्रवाई शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष बृजेश सिंह ने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। विधिक कार्रवाई की जा रही है।
बेटे का कहा माना होता तो नहीं होता हादसा

धर्मवीर अग्रहरि की गांव के ही चौराहे पर किराने की दुकान है। उनके तीन लड़के और चार लड़कियां हैं। इसमें कुछ की शादी कर पाए हैं। परिवार के मुताबिक रात में बहन के यहां रुके होने की जानकारी मिलने के बाद उनके बड़े लड़के ने कहा कि पापा मौसम बहुत खराब है, और रात भी हो गई है। रात में चलना ठीक नहीं है, सुबह होते ही निकल जाना है। लेकिन धर्मवीर ने कहा कि वे रात में ही आ रहे हैं।
बहुत देर नहीं लगेगी। इन हालात में अगर वह बेटे का कहा मान गए होते तो शायद यह हादसा घटित नहीं होता। एक साथ दो मौत ने न सिर्फ परिवार को झकझोकर दिया है। बल्कि गांव के लोग भी इस हादसे से दुखी हैं।

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