सभी निकायों में कांटे की टक्कर, लगातार बन बिगड़ रहे समीकरण, परिदृश्य अभी साफ नहीं
नजीर मलिक
नगर निकाय चुनाव का माहौल पूरी तरह गरमा गया है। जिला मुख्यालय की नगर वरीयता में सभी दलों का प्रचार कार्य चरम पर है। इसके अलावा नगर पालिका बांसी, नगर पंचायत डुमरियागंज, इटवा, भारत भारी, शोहरतगढ़, बढ़नी, उसका बाजार आदि में भी चुनावी समर में सारे योद्धा पूरे दम खम से लगे हैं। अभी चुनावी गणना इतनी गदगद है कि इसका परिदृश्य पूरी तरह से धुंधला दिखाई दे रहा है।
जिला मुख्यालय पर हर तरफ प्रत्याशियों के जत्थे जहां सघन जनसम्पर्क में लगे हैं उसी तरह उनके गंभीर कानफोड़ू की आवाज ध्वनि प्रदूषण को शिखर पर पहुंचाती है। फिलहाल इस सीट पर लड़ाई चौकोनी नजर आ रही है। यहां मैक्रोगाट के रूप में सपा और बीजेपी के बीच मुकाबला हुआ है लेकिन इस बार लड़ाई हो रही है। यहां भाजापा से टिकट मांग रहे राकेश दत्त त्रिपाठी बसपा कें झंडे और टिकट की दो और राइट राजू सिंह और श्यामबिहारी जायसवाल ने भी निर्दलीय पर्चा भर भाजपा के गोविंद माधव की मुश्किल बढ़ा दी है। चुनाव जीतने के लिए उन्होंने कई प्रभावशाली लोगों को बुलाया है। लेकिन बीजेपी के एक प्रभावशाली नेता के अंदर घुसने की भी खबरें हैं। यह देखने की बात है कि क्या बीजेपी इन हालातों से कैसे तस्वीरें बनाएगी। सपा से राम सेवक लोधी हैं, उनकी प्रत्याशिता से लोधी समाज के मतों का झटका सपा के पक्ष में देखा जा रहा है मगर भाजपा के गोविंद माधव अपने सजातीय यादव वोटों को पक्ष में लाकर बराबर कर रहे हैं। कुल मिला कर बीजेपी अभी प्रारंभिक मुश्किलों से गुजर रही है। लेकिन स्थानीय राजनीति के विवरण हैं कि दो तीन दिनों में भाजपा अपने रंग में होगी और मुख्य लड़ाई में एक पक्ष समान होगा।
नगर पंचायत इटवा बाजार
नगर पंचायत इटवा में भी लड़ाई का रुख चुतुष्कोणीय नजर आ रहा है। यहां वास्तव में लड़ाई में प्रत्याशियों के बीच कम उनके नेताओं के बीच ज्यादा है। यहां भाजपा से विकास जायवाल हैं जो पूर्व शिक्षा मंत्री सतीश द्धिवेदी की पसंद है तो सपा उम्मीदवार श्रीमती एश्वर्य पांडेय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय की पट्टीदारी से आती हैं। इसी प्रकार कांग्रेस प्रत्यासी नादिर सलाम पर कांग्रेस के कददावर नेता व पूर्व सांसद मोहम्मद मुकीम का वरदहस्त है। इसलिए अभी हर जगह कांटों की टक्कर दिख रही है। लेकिन माता प्रसाद पांडेय के एक करीबी और सपा नेता रज्जन पाण्डेय भी बागी के रूप में मैदान में उतर कर सपा की स्थिति पतली कर रखी है। वहीं सपा के दूसरे बागी प्रत्यासी माता प्रसाद पांडेय के दुलरुआ कहे जाने वाले राजेंद्र जायसवाल बसपा के हाथी के साथ चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में सपा लड़ाई की रस्साकसी रही है। अभी आने वाले दिनों में परिदृश्य कुछ स्पष्ट होने की उम्मीद है।
नगर पंचायत डुमरियागंज
नगर पंचायत डुमरियागंज में पांच के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। यहां से निवर्तमान मानक जफर अहमद की अनुज बहू कहकशां परवीन, बसपा नेता अतीकुर्रहमान की पत्नी श्रीमती शाजिया अतीक, भाजपा नेता मधुसूदन अग्रहरि की पत्नी श्रीमती बीना देवी और भाजपा के बागी उम्मीदवार श्यामसुंदर अग्रहरि की मां श्रीमती सुशीला और कांग्रेस नेता अशोक गुप्त की पत्नी श्रीमती मीना देवी के बीच कांटे की टक्कर है। पिछले अध्यक्ष पर जनता से न मिलने, उनके काम करने के गंभीर आरोप हैं। इसलिए इसकी अनुज बहू परवीन की स्थिति कमजोर है। जिसका लाभ इस मुस्लिम बाहुल्य नगर पंचायत में निश्चित रूप से उनकी सजातीय आर्थिक स्थिति शाजिया अतीक को मिल सकता है। उद्र गति चुनाव की तरह इस बार भी मधुरसूदन श्यामसुंदर का खेमा आपस में ही लड़ रहा है। ऊपर से अशोक गुप्ता भी मेहनत कर रहे हैं। इसलिए यहां अभी भी भ्रम की स्थिति में गड़बड़ी हुई है। मगर बसपा की शाजिया अतीक लाभ में दिखती है।
नगर पंचायत भारतभरी
भारत भारी नगर पंचायत की जंग हो गई है। यहां से बीजेपी सांसद चंद्र प्रकाश वर्मा और बसपा सरकारी वकील अजीजुल्लाह अरे डव्लू के बीच जबरदस्ती संघ चल रहा है। सपा यहां आपस में ही लड़ाई कर रही है। उसके दो साथी विजय अगहरी और तव्वाब स्पा का झांडा लगा कर प्रचार करते देखे जा रहे हैं। लेकिन क्षेत्र के स्लिम और पर्दिलेटिड वोटरों की एकता ने बसपा उम्मीदवार अजीजुल्लाह की जमाराशि को मजबूत बना दिया है। दूसरी तरफ बीजेपी अभी भी रूठों को मानती है और भितर घातियों को डिसाइड करने में ही लगी है। अजीजुल्लाह कहते हैं कि वे जाति धर्म से ऊपर उठकर हर तस्वीर की सेवा करते हैं इसलिए उन्हें जनता का आर्शीवाद अवश्य मिलेगा।