हरिशंकर तिवारी का पूरा कुनबा सपा में, बसपा की ब्रहमण नीति को झटका, भाजपा भी सन्नाटे में
सतकबीरनगर के भाजपा विधायक जय चौबे व वरिष्ठ बसपा नेता संतोष तिवारी भी हुए समाजवादी साइकिल पर सवार
हजारों समर्थकों के साथ सपा कार्यालय में देर तक गूंजते रहे नारों की अनुगूंज, अखिलेश बोले अब सपा की जीत और पक्की
नजीर मलिक
लखनऊ। पूर्वांचल के सबसे प्रभावशाली ब्राह्मण नेता व अतीत में बाहुबली माने जाने वाले पंडित हरिशंकर तिवारी के पूरे कुनबे ने हाथी छोड़ साइकिल की सवारी कर ली है। उन्हीं के साथ संतकबीरनगर के भाजा विधायक जय चौबे व कैसरगंज (बहराइच) के बसपा के लोककसभा प्रभारी रहे संतोष तिवारी भी साजवादी पार्टी में शामिल हो गये हैं। इससे बसपा बड़ा राजनीतिक झटका लगा है तथा भाजपा में भी लोग अंदरखाने से निराश देखे जा रहे हैं।
बताया जाता है कि 12 दिसम्बर को इस कुने के नेताओं सहित उनके हजारों समर्थक लखनऊ म नाचते गाते पहंचे। बड़े बड़े तिलक त्रिपुंड लगाये हजारों की तादाद में उनके बाह्मण समर्थक पंडित हरिशंकर तिवारी जिंदाबाद अखिलेश यादव जिंदाबाद के साथ विधायक विनय शंकर तिवारी की जय हो, गणेश शंकर पांडेय (पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष) व पूर्व सांसद कुशल तिवारी व विधायक जय चौबे जिंदाबाद के नारे लगाता समर्थकों को यह समूह पार्टी के कार्यालय पर पहुंचा। वहां भी काफी देर तक नारे बाजी चली। हालत सह हुई कि पूरा सपा कार्यालय परिसर नारों से गूंजने लगा। इस घटना के बाद वहां सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पहुंचे और सभी का सम्मान करने के साथ उनके सपा में शामिल होने आधिकारिक घोषणा की। इस अवसर पर वहां आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने समाजवादी पार्टी की जीत का दावा करते हुए कहा कि अब सपा की जीत और भी पक्की हो गई है।
पंउित हरिशंकर तिवारी के पुत्र और चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी व पूर्व सांसद कुशल तिवारी, पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय के सपा में शामिल होने का मतलब साफ है कि इस घटना के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेा में ब्रह्मण समाज के बड़े वर्ग का समर्थन सपा की ओर निश्चित जा सकता है। इस परिवार का बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, मऊ, आजमगढ़, बलरामपुर, गोंडा, व बहराइच आदि जनपदों मे अच्छा खासा प्रभाव है। उन जनपदोंमें तिवारी परिवार के हजारों ससमर्थक हैं, जो उनके एकइशारे पर तन मन धन न्यौछावर कर डालने की हिम्मत रखते हैं।
कैरगंज से बसपा के पूर्व लोकसभा प्रभारी रहे और अब सपा में शामिल संतोष तिवारी कहते भी हैं कि वे इसी परिवार के कारण सपा में आये हैं। पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस परिवार का बड़ा सम्मान है और भाजपा ने बाह्मण समाज को कदम कदम पर जि तरह अपमानित किया है उसके जवाब में अब भाजपा को सबक सिखाना इस समाज का एमक मात्र ध्येय है। पूर्वी यूपी में यह काम हरि शंकर बाबा की अगुवाई में होगा। भाजपा विधायक जय वौबे के पूर्वी छोडने से बस्ती मंडल में भाजपा के लाग बहुत निराश देखे जा रहे हैं।
पंडित हरिशंकर तिवारी के कुनबे का सपा में शामिल होने की घटना को लेकर हालांकि भाजपा के स्थानीय नेता किसी भी तरह का राजनीतिक हानि न होने का दावा करते हैं परन्तु राजनीतिक विष्लेषकों का कहना है कि पूर्वांचल के 11 जिलें में इतना आधार तो रखता ही है कि वह भाजपा सपा के बराबर की टक्कर वाली सीटों के लिए जीत का आधार तय कर सके। विष्लेषकों के अनुसार उनके सपा में आने से कम से कम ढाई दर्जन सीटों का राजनतिक संतुलन सपा के पक्ष में जाता दिख रहा है।