मोदी की सुनामी में भी “हाता पोलिटिक्स” ने बचा लिया गोरखपुर का बसपाई का किला
––– जीत के बाद क्षेत्र भ्रमण में निकले बसपा विधायक विनय शंकर का जबरदस्त स्वागत
एस.पी. श्रीवास्तव
गोरखपुर। इस आम चुनाव में जहा भाजपा की सुनामी में बड़े बड़े दिग्गज चुनाव हार गए वही चिल्लूपार की चर्चित सीट को पंडित हरिशंकर तिवारी परिवार ने जीत कर फिर अपने नाम कर लिया। पंउित हरिशंकर तिवारी का घर जिसको “हाता” कहा जाता है, कि जबरदस्त पोलिटिक्स ने बसपा को चिल्लूपार का किला जीत कर भारी तोहफा दे दिया।
इस जीत से हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय शंकर पहली बार सदन में पहुचने में कामयाब रहे। बसपा के पूर्व सांसद कुशल तिवारी का मैनेजमेंट और पंडित हरिशंकर तिवारी का प्रभाव इस सुनामी में भी ये सीट बचा ले गया। लोग मानते हैं कि अगर इस चुनाव में “हाता” का पोलिटिकल दांव नही होता तो यह सीट भी चली गई होती।
पहली बार जीतने के बाद क्षेत्र भ्रमण पर निकले विनय शंकर का जगह़़-जगह जम कर स्वागत हुआ। उन्हें अबीर गुलाल और फूलों से लाद दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अब झूठ और फरेब की नहीं विकास की बात होगी। दस सालों से रुके काम को गति मिलेगी। हजारों की तादाद में समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया
बताते चलें कि बसपा का गोरखपुर और बस्ती मंडल में पत्ता साफ हो गया है। केवल चिल्लूपार सीट पर विनय शंकर की जीत ने बसपा की बचाई है। इस सीट से पहले विनय शंकर के पिता पंडित हरिशंकर तिवारी जीतते थे। एक छोटे अंतराल तक यह परिवार इस सीट से अलग रहा। लेकिन इस चुनाव में उतर कर हाता की लोकप्रियता का पुनः यहसास करा दिया।
भ्रमण के दौरान कुलदीप, आलोक त्रिपाठी, रानू मिश्र, गौरव दुवे, खालिद, मकसूद, एहसान, सूरज जयसवाल, गुड्डू, बबूले, पिंटू, विजय चन्द, लल्लन तिवारी, कुणाल, अंशु दुबे, अमरनाथ तिवारी, अमरचंद दुबे, ब्रह्मजीत दुबे आदि मौजूद रहे।