दो अलग-अलग मौतों के बाद ग्राम हथपरा में साम्प्रदायिक तत्वों व खलीलपुर में पुलिसिया लाठी की दहशत

August 22, 2020 12:43 PM0 commentsViews: 1615
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— ग्राम हथपरा में पहले भी खेला जा चुका है इस प्रकार का हिंसक खेल

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। त्रिलोपुर थाने के ग्राम हथपरा में गुरूवार की रात हुई मारपीट में एक वृद्ध की मौत के बाद वहां साम्प्रदायिक तत्व सक्रिय हो गये हैं, जन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठियां फटकारनी पड़ी। इसके अलावा मोहाना थाना क्षेत्र में शुक्रवार को शव के साथ सड़क जाम कर रहे लोगों पर पुलिस की लाठियां टूटीं। इन दोनों घटनाओं से नागरिकों में खासी दहशत है। इसके साथ प्रशासन को सतर्क रहने की भी जरूरत है।

क्या है ग्राम हथपरा का मामला?

इटवा तहसील के गांव हथपरा में गुरुवार को जमीनी विवाद को लेकर हुई मारपीट में एक 70 साल के व्यक्ति ध्रुवराज चौधरी की चोटों से मौत हो गई। यह सीधे एक आपराधिक घटना थी। लेकिन इसमें दोनों पक्षों के अलग अलग धर्म के होने के कारण कुछ लोगों को अपनी रोटी सेंकने का मौका मिल गया। और उन्होंने अपनी करतूतों से पूरे मामले को बेहद संवेदनशील बना दिया। हालांकि पुलिस इस मामले में यथोचित कार्रवाई की कोशिश भी किया और दूसरे पक्ष पर हत्या का मुकदमा भी कायम किया, लेकिन उसकी कोशिश निष्फल रही।

घटना की सुबह यानी शुक्रवार से गांव में नये और अंजान चेहरों की भीड़ जुटने लगी और अपराधियों  को पकड़ने की मांग की ओट में साम्प्रदायिक बातें भी उठाई जाने लगीं। देखते ही देखते एक भुसैला भी फूंक दिया गया। इस प्रकार का मामला बढ़ते देख कर पुलिस को लाठियों के सहारे उपद्रवियों को भगाया गया। हालंकि मृतक के परिजन लवकुश की तहरीर पर जफी मोहम्मद, रव्वाब, सोमई, गुड्डन, लड्डन, नन्हें, फारक, पप्पू और चार महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आध दर्जन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

वर्तमान में हथपरा में शांति है। वहां भारी पुलिस बल तैनात है। फिर भी ग्रामवासी डरे हुए हैं। उनका डर गांव में घूमने वाले बाहरी उन बाहरी तत्वों से है, जिन्होंने मामले को कम्यूनल एंगिल देने की कोशिश की। पुलिस को इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।

पहले भी हो चुकी है साम्प्रदायिक घटना

ग्राम हथपरा में इससे पूर्व भी एक बार साम्प्रदायिक घटना हो चुकी है। नब्बे के दशक की शुरुआत में इस गांव में लूटपाट और आगजनी की भारी घटना हुई थी। अनेक लोग गांव छोड़ कर भाग गये थे। तब पुलिस पर भी अंगुलियां उठीं थी। क्योंकि वह समय रहते हालात पर कंट्रोल बनाने में विफल रही थी। इस बार घटना की पुनरावृति न हो इसलिए पुलिस का चाक चौबंद रहना जरूरी है।

खलीलपुर में पुलिस की हैवानियत

इसी प्रकार शुक्रवार को बर्डपुर ब्लाक के ग्राम खलीलपुर टोला रेहरवा में में पुलिस की बर्बरता सामने आई है। जानकारी के मुताबिक रेहरवा के दो व्यक्ति अतीकुर्रहमान व शॅफीकुर्रहमान शुक्रवार की सुबह खेत देखने गये थे। इसी दौरान बिजली का तार टूट कर उन पर गिरा जिससे अतीकुर्रहमान की मौत व शफीकुर्रहमान झुलस गया। ग्रमीणों ने शव को सड़क के किनारे रख कर बिजली विभाग के अफसर को मौके पर आने की मांग की।

मगर जब दोपहर तक कोई नहीं आया यहां तक कि बगल में बने मोहाना थाना की पुलिस भी घटना का जायजा लेने तक नहीं आई। इसके बाद ग्रामीणों ने युसुफपुर चौराहे पर सड़क जाम कर दिया। फिर तो पुलिस पहुंची और लोगों की पिटाई करने लगी। कइयों को बड़ी चोटे  आई। यही नहीं पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को हिरासत में भी ले लिया। मोहाना पुलिस की इस बर्बरता से लोगों में दहशत है। ग्रामीणों का आरोप है कि मौजूदा थानाध्यक्ष के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों की पिटाई और भयादोहन आम बात हो गई है। करोना के नाम पर शुरू में हुए उत्पीड़न और वसूली को लोग याद कर सिहर उठते हैं।

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