यूपी के 28 भाजपा सांसदों के टिकट काटने का फैसला, शाह-मोदी ने लगाई मुहर
— पूर्वी यूपी से 12, पश्चिमी से 6 बुंदेलखंड से 5, अवध व बृज क्षेत्र ये 5 भाजपा सांसदों के कटेंगे टिकट
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नजीर मलिक
” यूपी के सांसदों पर तीन दिन तक लगातार माथा पच्ची के करने के बाद अन्ततः भाजपा हाई कमान ने 7 जुलाई को अपने 28 सांसदों का टिकट काटने का फैसला कर लिया है। इनमें पपूर्वांचल की सर्वाधिक 12 सांसद शामिल बताये जाते हैं। इसके अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश के 6, बुंदेलखंड के 5, अवध क्षे़त्र के तीन और बृज क्षेत्र के 2 सांसदों के नाम शामिल हैं। पूर्वांचल में सबसे प्रमुख नाम पूर्व मंत्री व सांसद कलराज मिश्र का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।”
कैसे हुआ फैसला?
बताया जाता है कि 2019 में चनावी सफलता के मद्दे नजर भाजपा क एक हाई प्रोफाइल बैठक हुयी। टुकड़ों टकड़ों में तीन दिन चली बैठक में उत्तर प्रदेश के एक एक भाजपा सांसद के रिपोर्ट कार्ड की गंभीरता से छानबीन हुई। सू़त्र बताते है कि स्वयं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने एक एक सांसद के बारे में नीचे से मिले फीड बैंक का अध्ययन किया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वार्ता कर 28 सासंदों के नाम तय किए, जिन्हें अगामी चुनाव में टिकट से वंचित किया जाना है। इनके स्थान पर नये चेहरों को वरीयता दी जानी है।
पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड में इनके टिकट कटे
अच्छी छवि नहीं होने के आधार पर पार्टी हाई कमान ने कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र से भाजापा के पूर्व अध्यक्ष व सांसद मुरली मनोहर जोशी, झांसी से उमा भारती और हमीरपुर से पुष्पेन्द्र चंदेल व बांदा के सांसद अशोक दोहरे का टिकट काटने का फैसला लिया है। इसके अलावा पश्चिम क्षेत्र में फतेहपुर सीकरी के सांसद चौधरी बाबू लाल व मथुरा की सांसद हेमा मालिनी का टिकट काटे जाने पर भी मुहर लगाई गई है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश से कलराज मिश्र की विदाई तय
जहां तक पूर्वी उत्तर प्रदेश की बात है, उसमें देवरिया के सांसद कलराज मिश्र, इलाहाबाद के सांसद श्यामा चरण गुप्त के नाम प्रमुख हैं। हरदोई से अंशुल वर्मा, उन्नाव से साक्षी महाराज, बहराइच से सावित्री बई फुले, राबर्टसगंज से छोटे लाल आदि शामिल हैं। हालांकि कतिपय मीडिया समूहों ने फैजाबाद, बस्ती और आजमगढ़ मंडल से भी कम से कम एक एक टिकट कटने की बात कही है, लेकिन कपिलवस्तु पोस्ट को इस आशय की प्रमाणिक जानकारी नहीं मिल पाई है। जानकारों का कहना है कि पूर्वांचल से टिकट गंवाने वाले सभी सांसदों के नाम दो एक दिन में सार्वजिक हो जाने की उम्मीद है।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि भाजपा में सभी सांसदों के बारे में गोपनीस सर्वे करा कर कर उनकी छवि की रिपोर्ट मांगी थी।इसके अलावा संघ के कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट भी सामने रख कर उन पर मथन किया गया। बाद में प्रधानमंत्री ने भी इनके नाम काटे जाने की हरी झंडी दे दी।