हिन्दुत्व और अशोक सिंघल एक दूसरे के पूरक थे- श्री प्रकाश
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर के रघुबर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज में राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार एवं विहिप के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल के निधन पर बुधवार को शोकसभा आयोजित की गयी। जिसमें स्व. सिंघल को हिन्दुत्व का सबसे बड़ा प्रहरी बताते हुए उनके निधन को अपूर्णनीय क्षति बताया गया।
शोकसभा में बोलते हुए स्वयं सेवक संघ के जिला प्रचारक श्री प्रकाश ने कहा कि अल्पकाल में स्व. सिंघल के जीवन का आकंलन नहीं किया जा सकता है। हिन्दुत्व और सिंघल एक-दूसरे के पूरक थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश कार्य और हिन्दुत्व के सम्रग उन्नयन में लगा दिया।
इनके जीवन का लक्ष्य था कि सम्पूर्ण हिन्दु समाज अपने वैमन्वश्य व छूआ-छूत को समाप्त संगठित हो और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो। आज उनके निधन पर सभी को उनके सदगुणों में एक को अपनाना चाहिए। यहीं उनके प्रति सच्ची श्रंद्धाजलि होगी।
इस अवसर पर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य बालकृष्ण सिंह ने कहा कि स्व. सिंघल की याद हर पल प्रत्येक हिन्दुओं को सताती रहेगी। सभा में उप प्रधानाचार्य महादेव प्रसाद, निमिष शुक्ला, सुभाष सिंह, दिलीप श्रीवास्तव, रामदास पांडेय, घनश्याम उपाध्याय, प्रवीण मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
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सिंघल व्यक्ति नहीं संस्था थे- पाल
सिद्धार्थनगर में बुधवार को क्षेत्रीय सांसद जगदम्बिका पाल के कार्यालय पर आयोजित शोकसभा में उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया गया। सांसद पाल ने कहा कि स्व. सिंघल के निधन से हिन्दु समाज की अगुवाई करने वाला व्यक्ति उठ गया है। उनकी भरपाई कर पाना नामुमकिन है।
इस अवसर पर हियुवा के जिला प्रभारी श्यामधनी राही, राजमणि पांडेय, राजू पाल, अरुण, आशीष शुक्ला, दिनेश, अशोक द्विवेदी उपस्थित थे।