हाईटेक हो रहा है सिद्धार्थनगर का बाजार, कैशलेस माध्यम की ओर चला मार्केट
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। आठ नवम्बर को नोटबंदी के फरमान के साथ ही सिद्धार्थनगर का बाजार पूरी तरह से बैठ गया था। लोगों को नोट की कमी महसूस होने लगी थी। इस कारण जिले के प्रमुख बाजारों में सन्नाटा पसर गया था, मगर पीएम के डिजिटल इंडिया के नारे पर जैसे ही सिद्धार्थनगर के व्यापारियों के कदम बढ़ाया। उनके व्यापार की गाड़ी धीरे-धीरे ही सही, रफतार पकडने लगी है।
सिद्धार्थनगर जनपद मुख्यालय के साथ-साथ बांसी, शोहरतगढ़, डुमरियागंज आदि बाजारों के दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर विभिन्न बैंकों के स्वाइप मशीन लगवाया। स्वाइप मशीन लगने के बाद से नोटबंदी के चलते बाजारों में छायी मंदी अब धीरे-धीरे गायब होने लगी है।
बताया जाता है कि नोटबंदी लागू होने के बाद से देश के अन्य शहरों की तरह ही सिद्धार्थनगर के वाशिंदों की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो गयी थी। यहां के प्रत्येक बैंकों में सुबह से शाम तक कैश की चाहत में लोगों की लंबी कतारें लगी रहती थी। लाइन में लगे अधिकांश लोगों को शाम को निराशा ही हाथ लगती थी।
दवा के अभाव में तमाम लोगों का रोग बढ़ रहा था। तमाम घरों में खाने के सामानों की कमी हो गयी थी। दुकानदार भी लोगों के हाथ में नकदी न होेने के कारण बेहद परेशान थे। इस स्थिति से निपटने का लोग रास्ता खोज रहे थे। स्वाइप मशीन का आकर्षण बढ़ने से ग्राहकों के साथ दुकानदारों की भी चांदी हो गयी है।शहर के दवा व्यापारी लाल चन्द्र गुप्ता ने बताया कि स्वाइप मशीन लगने के बाद से उनका व्यापार फिरसे चलने लगा है। तमाम ग्राहक ऐसे आते हैं जिनके हाथों में नहीं खातों में पैसा होता है। स्वाइप मशीन के माध्यम से वह तमाम दवाएं खरीद लेते हैं।