मुझे घुंघरू पहना दो या कोठे पर बिठा दो, मगर दारोगा से बचा लो साहबǃ
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। कोई महिला जब यह कहे कि ‘मुझे घुंघरू पहना दो, मुझे कोठे पर बैठा दो, मगर दारोगा जी से बचा लो’, तो जाहिर है कि वह कितनी डरी हुई होगी? उस दारोगा से। मामला सिद्धार्थनगर जिले के उस्का थाना का है, जहां के थाना इंचार्ज से दुखी एक महिला अब अपने आप को पुलिस से बचने के लिए मीडिया के सामने गुहार लगा रही है।
क्या है कहानी
हम बताते हैं प्रियंका चर्तुवेदी नाम की इस अबला की कहानी जो सुरक्षा देने वाली पुलिस के बीच ही असहाय महसूस करने लगी है । दरअसल कुछ दिन पहले उस्का थाना के भिटिया गांव की रहने वाली प्रियंका अपने चचेरे जेठ के खिलाफ शिकायत लेकर थाने पर पहुँची। थाना इंचार्ज पीड़िता से मिले। उसकी बात सुनी, आरोप के मुताबिक फिर उन्होंने मजाक करना शुरू साथ किया और फिर उस महिला के साथ अभद्र व्यवहार शुरू हुआ, भद्दे कमेंट्स पास करने से चल कर महिला के शरीर को छूने तक पहुंच गया।
महंगी पड़ी शिकायत
यह सब कुछ महिला के भाईयों के समक्ष थाना परिसर में हुआ। महिला के बयान के मुताबिक थानाध्यक्ष ने महिला के अंगों को भी छुआ। एतराज करने पर थानाध्यक्ष ने सभी को गालियां देकर खदेड़ दिया। इस बात को लेकर पियंका चतुर्वेदी जब जिले के पुलिस आलाधिकारियों से मिली, तो इस बात से खफा उस्का थाना इंचार्ज दीप नारायन सिंह महिला समेत उसके घर के 5 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।
प्रियंका नाम की महिला अब अपने आपको बचाने के लिए महिला आयोग समेत पुलिस महानिदेशक तक के इस बात को लेकर शिकायत की है। उसने मीडिया के सामने रो रो कर अपनी व्यथा बताया है। उसका कहना है कि उसे घुंघरू पहना दो चाहे कोठे पर बिठा दो, मगर न्याय दिला दो।
सीओ ने कहा
इस पूरे मामले पर पुलिस के आला अधिकारी अपने मातहतों को बचाते हुए दिख रहे हैं, वरना अब तक उस दारोगा के खिलाफ कार्रवाई हो गई होती। बहरहाल इस मामले में क्षेत्राधिकारी अकमल खां का कहना है कि मामला संज्ञान में है।मामले की जांच जल रही है। जांच हो जाने जो दोषी होगा, उसके खिलाफ उचित कार्यवाही की जायेगी।