पढ़ाई के लिए कमरा नहीं मिला तो हिंदू बन कर रहा अंसार और आईएएस में हुआ सेलेक्ट
मुम्बई ब्यूरो
मुम्बई। महाराष्ट्र में ऑटो रिक्शा चालक के बेटे ने सिविल सर्विसेस परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। 21 वर्षीय अंसार अहमद शेख के छोटे भाई गैरेज चलाते हैं। अंसार अहमद अपने पहले ही प्रयास में 361वां स्थान पाने में सफल रहे हैं। परिणाम आने के बाद अंसार के घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। दोस्तों रिश्तेदारों और मीडिया से जुड़े लोगों के अलावा अपरिचित भी उन्हें बधाई दे रहे हैं।
जालना जिले के शेलगांव नामक गांव के निवासी अंसार अहमद ने ढेर सारी मुश्किलों का सामना किया। यहां तक कि धार्मिक भेदभाव से बचने के लिए उसे हिंदू पहचान अपनानी पड़ी। सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफल होने के बाद अंसार अहमद ने कहा कि यह आने वाले 1 जून को उसके जन्मदिन की अग्रिम बधाई के जैसा है।
पुणे के फर्गुसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में बीए की परीक्षा पास करने वाले अंसार अहमद शेख ने अपने कठिनाई भरे दिनों को याद करते हुए कहा कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए ही वह शहर आए थे। मुस्लिम होने की वजह से उन्हें शहर में रहने के लिए अच्छा घर नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने बताया कि इस बात का ध्यान रखते हुए अपना नाम शुभम बताने लगा। नाम बदलने के बाद आसानी से पीजी मिल गया।
अपने घर की स्थितियों के बारे में उन्होंने बताया कि उनके घर में पढ़ाई.लिखाई का कोई माहौल नहीं था। उनके छोटे भाई ने स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ दी और बड़ी दो बहनों की शादी छोटी उम्र में ही कर दी गई थी। उन्होंने जब अपने घर में सिविल सर्विसेज परीक्षा पास करने की बात बताई तो सब हैरान हो गए।
उनकी मदद उनके छोटे भाई ने की। उसकी मदद के बगैर अंसार अहमद के लिए यह मुकाम हासिल करना असंभव था। उन्होंने कहा कि असल में वह अपने छोटे भाई के कर्जदार हो गए हैं।
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