ईरानी नागरिक चकमेह की गिरफ्तारीः क्या नेपाल फिर से बन रहा भारत विरोधी तत्वों का लांचिंग पैड?

November 15, 2024 1:19 PM0 commentsViews: 240
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हाल में सिद्धार्थनगर के माध्यम से घुसपैठ करते पकड़े जा चुके हैं कई विदेशी नागरिक,

पूर्व में दाऊद गैंग, अरशद चीमा, करीम टुंडा आदि की हरकतों का केन्द्र रहा है नेपाल

 

नजीर मलिक

गिरफ्तार ईरानी व्यक्ति कामरान चकमेह

सिद्धार्थनगर। ईरान की राजधानी तेहरान निवासी कामरेन चकमेह की ककरहवा बार्डर पर गिरफ्तारी के तार भारत के एक अन्तर्रराष्ट्रीय ड्रग तस्कर से जुडे होने की खबर पाकर खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। इसी के साथ एक सवाल यह भी खड़ा होता जा रहा है कि मासओवादी आंदोलन की समाप्ति के कुछ दिन बाद से शांत पड़ा नेपाल क्या एक बार फिर भारत विरोधी तत्वों का लांचिंग पैड बनने की ओर अग्रसर है?

खबर है कि पकड़े गये कामरान चकमेह का सम्बंध दिल्ली के एक कथित ड्रग तस्कर अमित सिंह से है जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। कामरान ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि वह अमित सिंह के ही माध्यम से नेपाल से भारत में अवैध रूप से आता जाता  रहा है। लेकिन इस बार अमित सिंह की गिरफ्तारी के बाद कामरान ने दिल्ली में रहना असुरक्षित समझ कर वापस ईरान वाया नेपाल लौट  रहा था कि बुधवार को वह जिले के ककरहवा बार्डर पर सुरक्षा एजेंसियों द्धारा दबोच लिया गया।

पूछताछ में जैसे ही उसने अपना सम्पर्क अमित सिंह से बताया तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गये। सूत्र बताते हैं कि अब खुफिया एजेसिंयां इस बात का पता लगाने में जुटी हैं कि कामरान चकमेह के तार केवल उस ड्रग तस्कर  से ही जुड़े हैं या वह ड्रग तस्करों के ओट में भारत विरोधी गतिविधियों में भी लिप्त था? अतीत में भी इस प्रकार की धटनायें प्रकाश में आ चुकी हैं।

जासूसी से जुड़े हो सकते हैं कामरान चकमेह तार?

कामरान चकमेह के पास नेपाल का वीजा है। वह नेपाल के लुम्बिनी से ककरहवा बार्डर के रास्ते भारत में प्रवेश करता था। ऐसा उसने स्वंय कबूल किया है। वह चार बार दिल्ली जा कर रह चुका है। उसके पास लखनऊ के पते वाला एक फर्जी आधार कार्ड भी मिला है। इससे प्रतीत होता है कि कामरान चकमेह का भारत प्रवेश सामान्य घुसपैठ का मामला नहीं है। यह मामला अन्तर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी से लेकर जासूसी तक कुछ भी हो सकता है। यही पता लगाने में सुरक्षा एजेंसियां जुटी हैं। अतीत मं भी ऐसे तमाम कारनामे हो चुके हैं, जिसे लेकर पहले नेपाल को भारत विरोधी तत्वों का लांचिंग पैड कहा जाता था। आईएसआई एजेंट अरशद चीमा, अब्दुल करीम टुंडा समेत दाऊद गैंग ने अतीत में नेपाल से ही अपनी गतिविधियां संचालित की थीं।

कुछ दिनों से बढ़ रही अवैध घुसपैठ की कोशिश

याद रहे कि भारतीय सुरक्षा एजेंसिंयों की लगातार सक्रियता व माओवादी आंदोलन की समाप्ति के बाद लगभग 2010 से नेपाल में बैठ कर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाली घटनाओं में कमी आ रही थी, लेकिन इधर कुछ दिनों से ककरहवा सीमा पर अवैध घुसपैठ के कई मामले सामने आये हैं। इनमें चीनी नागरिक भी शामिल हैं। इससे ककरहवा बार्डर से कुछ ही किलोमीटर दूर नेपाल के लुम्बिनी से संभवतः कुछ आसामान्य गतिविधियों चलाने की आशंका को बल मिलता है। फिलहाल मुकामी पुलिस और सीमा पर लगी सुरक्षा एजेंसियां इस बिंदु की गंभीरता से छानबीन में लगी हैं। देखिए नतीजा क्या निकलता है?

क्या  बोले पुलिस अफसर

इस सिलसिले में सीअे सदर अरूणकांत सिंह ने बताया कि पकड़े गयेचकमेह कामरान को लेकर स्थानीय पुलिस के अलावा एसएसबी, एटीएस व अन्य ऐजेंसियां मामले की जांच कर रहीं हैं।उनकी ओर से पूछताछ में की गई है। अभी जांच की प्रक्रिया जारी है। इसलिए अभी ज्यादा कुछ कह पाना संभव नहीं है।

 

 

 

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