बेटे इरफान मलिक समेत स्व. कमाल युसुफ मलिक की पूरी टीम बसपा में शामिल, साथ में सपा के अतीक भी गये
सपा नेता चिनकू यादव के करीबी थे अतीकुर्रहमान, गत नगर पंचायत चुनावों में कम वोटों से हारे थे अतीक, अब बसपा से लड़ने की उम्मीद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।जिले के समाजवादी पुरोधा स्व. मलिक कमाल यूसुफ के बेटे इरफान मलिक अपनेपिता की पुरानी टीम के दर्जनों रणनीतिकारों समेत बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गये। उनके साथ सैकड़ों वर्करों ने भी इरफान के साथ बसपा में जाने का एलान किया है। इरफान के साथ सपा के युवा नेता अतीकुर्रहमरन भी बसपा में शामिल हुए है। इरफान मलिक गत विधानसभा चुनाव में सपा से टिकट न मिलने पर एमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़े थे। तभी से वह मुख्यधारा कीकिसी पार्टी में जाने के इच्छुक थे। इसी के तहत उन्होंने लखनऊ में मायावती के आस पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
प्राप्त विवरण के अनुसार इरफान मलिक आज सुबह बसपा सुप्रीमों के आवास/कार्याय पर हाजिर हुए जहां बसपा के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चन्द्र ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। बाद में इरफान ने पत्रकारों से कहा कि उनके पिता व मंत्री रहे स्व. कमाल यूसुफ की पुरानी टीम के लगभग सभी सदस्य मसलन दिनेश पांडेय, कादिर भाई, काजी नियामतुल्लाह अदि सभी वरिष्ठजन ने भी उनके साथ बसपा में जाने का एलान किया है।
इस प्रकरण में सबसे महत्वपूर्ण पहलू अतीकुर्रहमान का बसपा में शामिल होना है। बता दें कि इरफान मलिक गत विधानसभा चुनावों के समय ही सपा छोड़ कर एमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इसलिए उनका हाल में सपा से कोई नाता न रह गया थ्। मगर अतीकुर्रहमान सपा के कट्टर समर्थक थे और डुमरियागंज में वे चिनकू यादव खेमे के नेता माने जाते थे। उनका इरफान के साथ बसपा में शामिल होना चिनकू यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि गत निकाय चुनाव में अतीकुर्रहमान सपा के टिकट से नगर पंचायत का चुनाव लड़े थे और वे कुछ वोटों से बसपा प्रत्याशी जफर अहमद से चुनाव हार गये थे। सपा के अतीकुर्रहमान को हराने वाले जफर अहमद तब बसपा समर्थित थे और बाद में बसपा नेता सैयदा खातून ने चिनकू यादव को विधनसभा टिकट के मामले में शिकस्त दे कर सपा का टिकट हथिया लिया था। सैयदा आज सपा से विधायक हैं। जाहिर है कि इससे सपा नेता चिनकू यादव गुट वहां कमजोर हुआ है। संभवतः अतीकुर्रहमान को लगा हो कि अब नगर पंचायत चुनाव में जफर अहमद का टिकट सुनिश्चत है। यही सोच कर वह भी इरफान मलिक के साथ बसपा में शामिल हुए है। बहरहाल इरफान मलिक के इस फैसले से डुमरियागंज में एक बड़ा जनाधार मिल गया है।