इटवा सीट पर कल के दोस्त भाजेंगे आपस में तलवारें

January 15, 2022 1:00 PM0 commentsViews: 1930
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सपा, भाजपा, बसपा और कांग्रेस पार्टियों से प्रत्याशियों के नाम तकरीबन तय, केवल घोषणा होना बाकी, चुनावी तैयारियां तेज

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। जिले की सबसे हाट सीट मानी जा रही इटवा से चारों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के नाम तय हो चुके हैं। केवल उनके नामों की घोषणा ही बाकी ह। उन चारों नामों पर गौर करने पर साफ हो जाता है कि इस बार के रणक्षेत्र में वही चार लोग आपस में तलवारें भाजेंगे जो पिछले चुनावों में काफी अच्छे दोस्त रह चुके हैं।

 

कौन हैं प्रमुख दलों के प्रत्याशी?

आपकों बता दें कि इटवा सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने हरिशंकर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने इसकी अधिकृत घोषणा भी कर दी है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पाण्डेय केवल पार्टी के वरिष्ठ नेता ही नहीं बल्कि सपा के प्रमुख रणनीतिकार है। इसलिए उनका टिकट उतना ही पक्का है जितना सपा के झंडे का रंग। रही भाजपा की बात तो एक समय वहां से उम्मीदवार बदले जाने की चर्चा तो थी मगर नये राजनीतिक हालात में उन चर्चाओं पर पूर्ण विराम लग चुका है और बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्वीवेदी ही उसके उम्मीदवार होंगे। रही बात कांग्रेस की तो पार्टी के तमाम लोग इस बात पर एक मत हैं कि वहां से दिग्गज नेता मुहम्मद मुकीम को ही चुनाव लड़ाया जाए। पार्टी सूत्रों ने इसकी पुष्टि भी कर दी है। इस कारण चारों ही दावेदारों ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं।

पिछले चुनाव में माता प्रसाद पाण्डेय व मु. मुकीम थे साथ साथ

इस समय उम्मीदवारी की नई तस्वीर कुछ इस प्रकार है। सपा से माता प्रसाद पांडेय, भाजपा से डा. सतीश चन्द्र द्वीवेदी, बसपा से भाजपा छोड़ बसपा में आये हरिशंकर सिंह तथा कांग्रेस पार्टी से मुहम्मद मुकीम उम्मीदवार होंगे। यहां यह भी बता देना जरूरी है कि गत चुनाव में हरिशंकर सिह भाजपा में थे और चुनाव में सतीश द्विवेदी के पक्ष में पार्टी के लए काफी काम भी किया था। इसके बरअक्स 2017 के चुनाव के दौरान माता प्रसाद पांडेय के पक्ष में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मुहम्मद मुकीम ने जी तोड़ मेहनत की थी। फिर भी माता प्रसाद पांडेय तीसरे स्थान पर रहे थे।

हरिशंकर सिंह रहे थे सतीश द्विवेदी के मददगार

जाहिर है कि 2022 के चुनाव में माता प्रसाद पांडेय के मुकाबले में उनके पूर्व समर्थक मुहम्मद मुकीम होंगे जो माता प्रसाद पांडेय व समाजवादी पार्टी के जनाधार में कुछ तो सेंधमारी करने में सक्षम हैं ही। हालांकि बदले राजनीतिक माहौल में माता प्रसाद पांडेय काफी सशक्त उम्मीदवार माने जा रहे हैं। इसके अलावा पिछले चुनाव में भाजपा में रह कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में काम करने वाले हरिशंकर सिंह इस बार स्वयं बसपा के प्रत्याशी हैं। हरिशंकर सिंह का अपना जनाधार सर्वविदित है, वे एक मात्र ऐसे नेता है जो भाजपा में रहते हुए भी मुसलमानों के कुछ हजार वोट पाते रहे हैं। जाहिर है कि इस चुनाव में कल के दोस्त आज के प्रतिद्धंदी होंगे। माता प्रसाद के मददगार रहे मोहम्मद मुकीम उन्हें चुनौती देंगे तो सतीश द्विवेदी के पार्टी भाई रहे हरिशंकर सिंह सतीश द्विवेदी को चुनौती देंगे।

बदला हुआ है आंधी का रुख

पिछले चुनाव से इस बार हालात अलग हैं। 2017 में जहां भाजपा की आंधी थी, इस बार उसका रुख बदल कर सपा के पक्ष में देखी जा रही है। इसी प्रकार क्षेत्र के दलित वोटों के बल पर हरिशंकर सिंह एक और चुनौती के रूप में सामने आये हैं। ऐसे में यह कह पाना कठिन है कि इटवा की चुनावी बिसात पर किसका मोहरा किसे मात देगा? यहां का चुनाव अभी छठें चरण में होगा तब तक राजनीतिक ऊंट किस करवट बैठेगा, इसे जानने के लिए पढ़ते रहिये कपिलवस्तु पोस्ट।

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