exclusive-जागो ग्राहक, एक्साइज ड्यूटी से रुक जायेगा जेवर बनाने में सुनारों की ठगी का धंघा

April 29, 2016 12:54 PM0 commentsViews: 1092
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नजीर मलिक

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सिद्धार्थनगर। भारत सरकार द्धारा सोने चांदी के जेवर निर्माण पर एक्साइज ड्यूटी लगाने का ज्वैलरों द्धारा  काफी विरोध हो रहा है। जेवर निर्माता इसे लेकर अरसे से हड़ताल और आंदोलन पर हैं। लेकिन इस ड्यूटी  लग जाने से असली लाभ जनता को है। इससे भारत की जनता को एक बड़ी ठगी से बचाया जा सकेगा।

जानकार इसकी पोल खोलते हुए बताते हैं कि अगर आप 3 हजार कीमत का दस ग्राम सोना लेकर किसी सुनार के पास गये तो सुनार ने जेवर की बनवाई दो हजार तय की। इस प्रकार तैयार जेवर की लागत 32 हजार हो गई।

अब आइये सुनारों पर

जब उसने जेवर बनाया तो एक ग्राम सोना चुरा लिया और उसकी जगह 1 ग्राम का टांका लगा दिया। क्योंकि कि बिना टांके के हार जैसा जेवर बन ही नहीं सकता है। एक ग्राम सोना निकालने का मतलब है कि उसने आपका 3 हजार का सोना हडप लिया। इस प्रकार आपका असली सोना 9 ग्राम ही बचा।

बात यही खत्म नहीं हुई। उसके बाद अगर आप पुनः अपने सोने के हार को बेचने या कोई और आभूषण बनवाने उसी सुनार के पास जाते है तो वह पहले टाका काटने की बात करता है। और सफाई करने के नाम पर 0.5 ग्राम सोना और कम हो जाता है। अब आपके पास मात्र 8.5 ग्राम सोना ही बचता है। यानी की 30 हजार का सोना मात्र साढ़े 25 हजार रुपये का ही रह जाता है।

जरो सोचिए तो सही

आप जानते होंगे 30 हजार रुपये का सोना और 2 हजार रुपये बनवाई तयानी नये जवर की कुल लागत पड़ी ३२ हजार रुपये। 1 ग्राम का टांका कटा तो नुकसान हुआ तीन हजार का। पुनः बेचने या नया जेवर बनवाने पर सफाई के नाम पर आधा ग्राम सोने की चोरी। नुकसान हुआ डेढ़ हजार का।  ऐसे में आपका सोना बचता है 8.5 ग्राम। यानी कुल नुकसान हुआ साढे 6 हजार का। इसमें सोना कम हुआ साढे चार हजार का।

सीधी सी बात है कि 32 हजार का आपका माल दुबारा अगर किसी सुनार के पास गया तो आपको आपको मिलेंगे साढ़े २५ हजार। दुनियां में ठगी की इस तरह की दीदादिलेरी भरी घटना और कहां मिलेगी। इसी लिए सरकार ने एक्साइज ड्यूटी का कदम उठाया है।

एक्साइज डृयूटी क्यों जरूरी है

एक्साइज ड्यूटी लगने पर सुनार को जेवर की रसीद के आधार पर उपभोक्ता को पूरा सोना देना होगा। और जितने ग्राम का टांका लगेगा । उसका सोने के तोल पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जैसा की आपके सोने की तोल 10 ग्राम है और टांका 1 ग्राम का लगा तो सुनार को रसीद के आधार पर 11 ग्राम वजन करके उपभोक्ता को देना होगा। इसी लिए सुनार हड़ताल पर हैं कि सरकार के इस कदम से उनकी ठगी रुक जायेगी।  (जागो ग्राहक नींद से जागो)

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