चेयरमैन जमील सिद्दीकी सपा से निकाले गये, रंग ला सकती है अकलियत लीडर की बर्खास्तगी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। समाजवादी पार्टी के युवा मुस्लिम चेहरा बन चुके नगर पालिका सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष मो. जमील सिद्दीकी और उनके भाई और नौगढ़ ब्लाक प्रमुख शफीक अहमद को समाजवादी पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया। अखिलेश यादव के इस फैसले से मुस्लिम समाज हतप्रभ है।
खबर है कि प्रदेश अध्यक्ष व सीएम अखिलेश यादव ने उनकी बर्खास्तगी की घोषणा कल देर शाम में की। दोनों नेताओं पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का इल्जाम लगाया गया है।
हालांकि समाजवादी पार्टी द्धारा जारी प्रेसनोट में दोनों नेताओं पर लगे किसी आरोप का हवाला नहीं दिया गया है, लेकिन सपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि जमील सिद्दीकी का बढ़ता कद कुछ लोगों को खटक रहा था। उन्होंने शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट का प्रयास भी जारी कर रखा था।
इधर कुछ दिनों से जमील सिद्दीकी और सपा जिलाध्यक्ष अजय चौधरी उर्फ झिनकू चौधरी में तकरार चल रही थी। सूत्र बताते हैं कि जिलाध्यक्ष को मोहरा बना कर सपा के दो वरिष्ठ नेताओं ने गेम प्लान तैयार किया। गेम प्लान के तहत विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय जैसे ही विदेश रवाना हुए, जमील विरोधियों ने सीएम के यहां पहुंच कर उसे अंजाम दे दिया।
क्या होंगे बर्खास्तगी के नतीजे
इस बर्खास्तगी के पीछे सपा आलाकमान की जो भी मंशा हाे, मगर जानकार बताते हैं कि इसका प्रभाव पार्टी के जनाधार पर पड़ सकता है। एक कार्यकर्ता के मुताबिक मलिक कमाल यूसुफ को पार्टी में लेकर और उन्हें टिकट देकर सपा ने मुसलमानों का जो विश्वास जीता था, इस घटना से वह कम होगा। कम से कम बांसी, शोहरगतगढ़ और सदर क्षेत्र में इसके दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं।
सदर विधायक खेमे ने कहा बर्खास्तगी उचित
इस बारे में सदर विधायक विजय पासवान का प्रतिनिधित्व करते हुए मीडिया प्रभारी कलाम सिद्दीकी ने कहा है कि दोनों नेताओं द्धारा कई बार अनुषासनहीनता की गई, लेकिन पार्टी ने उन्हें सुधरने का मौका दिया। जब पानी हद से गुजर गया तो कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई उचित है। इससे समाजवादी पार्टी मजबूत होगी।
विधानसभा अध्यक्ष के लौटने पर साफ होगा रुख
खबर है कि जमील सिद्दीकी खेमा इस घटना के बाद किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं देने के पक्ष में है। यह खेमा विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के विदेश से लौटने के इंतजार में है। उनके आने के बाद मामला उनके सम्मुख रखेगा।
अगर विस अध्यक्ष अध्यक्ष चाहेंगे तो उनका निष्कासन यकीनी तौर पर रद हो जायेगा। दूसरा खेमा भी उनकी वापसी पर नजर रख रहा है। श्री पांडेय 11 अप्रैल को लौटेंगे। इसके बाद स्थिति साफ हो जायेगी।
समाजवाद तो दिल में है-जमील सिद्दीकी
इस बारे में नगर पालिका अध्यक्ष जमील सिद्दीकी का कहना है कि वह 1996 से सपा के सिपाही रहे हैं। उन्हें क्यों निकाला गया है, इसका पता नहीं है। न नोटिस मिली न पूछताछ हुई। उन्हें तो मीडिया से निष्कासन की जानकारी मिली।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें भले ही बर्खास्त कर दिया हो, मगर उनके दिल में समाजवाद हिलारें मार रहा है। उन्होंने अपने किसी अन्य कदम का हवाला नहीं दिया है। फिलहाल वह पार्टी की गलतफहमी मिटाने के प्रयास में लगने वाले हैं।
4:33 PM
समाजवादी पार्टी का यही असली चेहरा है वो केवल मुस्लिम मतों की भूखी है उसे अच्छे वयक्ति की ज़रूरत नहीं है इसका नुकसान उसे ज़रूर भुगता होगा
3:38 PM
करारा जवाब मिलेगा स पा