हैवानियतः जिस्म की भूख की वजह से कयूम ने निगला था बेकसूर सालेहा की जिंदगी,

March 7, 2018 3:26 PM0 commentsViews: 1992
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नजीर मलिक

 

शोहरतगढ, सिद्धार्थनगर।

मेरी मस्ती पे जमाने के हैं पहरे कितने

मै हसूंगा तो उतर जायेंगे चेहरे कितने।

आग दौलत की जला देती है कितने घूंघट

जिस्म की भूख निगल जाती है सेहरे कितने।

 किसी शायर की यह लाइने कयूम और उसकी पत्नी सालेहा पर सटीक बैठती हैं। कयूम के जिस्म की भूख ने अपनी ब्याहता सालेहा की जिंदगी का सेहरा जिस बेदर्दी से निगला, उसकी मिसाल कम मिलती है।

दरअसल शोहरतगढ थाना क्षेत्र के मधवापुर गांव के कयूम ने जिस्म की भूख की वजह से अपनी बीबी सालेहा का कत्ल किया था। वह एक औरतखोर और जिस्म का भूखा इंसान था। वह औरत का गर्म बदन चाहता था। सालेहा शौहर की राह में बाधा बनी तो दिलफेंक और गर्म गोश्त के सौदागर कयूम ने बड़ी बेदार्दी से उसका कत्ल कर दिया।

चिल्हिया थाने के ग्राम अहिरौली निवासी सालेहा के चाचा दीनुल हसन की तहरीर और गांव वालों के मुताबिक सालेहा की शादी कयूम से एक दशक पूर्व हुयी थी। इस दौरान उसके पांच बच्चे भी हुए। तीन बच्चों के बाद कयूम की दिल सालेहा से उचटने लगा। और वह इधर उधर की औरतों से सम्बंध बनाने लगा। वह अक्सर कहता था कि अब सालेहा के बदन में वो बात नहीं रही। सालेहा सब कुछ सुन देख कर भी सहती रही। दो साल पूर्व उसने दूसरी शादी भी कर लिया, बस यही से मामला बिगड़ने लगा।

28 साल की सालेहा बिना मां बाप की थी। उसमें पति के विरोध की ताकत नही थी। वह पति कयूम से सिर्फ इतना ही चाहती थी कि पति कम से कम उसके बच्चों व खुद उसका भरण पोषण भी करता रहे, मगर कयूम पहली पत्नी के साथ गुलछर्रे उड़ाता था। सालेहा के कुछ मांगने पर उसे मारता पीटता था।  अन्ततः सालेहा ने पुलिस से फरियाद की।

पुलिस ने कल यानी मंगलवार को सालेहा के बयान कि लिए बुलाया था, वह सीओ पुलिस से मिलने जाने वाली थी। लेकिन होनी का कुछ और ही लिखा था। सुबह कयूम ने सालेहा पर चाकू से वार किया, वह चिल्लती भाग रही थी, कयूम उस पर चाकुओं से वार करता जा रहा था। अचानक वह गिरी, और पानी पानी  चिल्लाने लगी। गांव में यह चर्चा आम है कि झल्लाये कयूम ने उसे अपना पेशाब पिलाने तक की कोशिश की। इसके बाद वह फरार हो गया और सालेह ने दम तोड़ दिया।

उसका कसूर यह था कि वह बेकसूर थी

साले का कसूर यही था कि वह बेकसूर थी। उसने कयूम को अपनी खुशियां, जज्बात और अपना हक आदि सब कुछ  कुरबान कर दी थी। वह सिर्फ बच्चों के खाने खर्चे की मांग ही कर रही थी। लेकिन दूसरी बीबी के मांसल देह के आकर्षण में फंसे कयूम को यह भीख भी गवारा नहीं था।

सालेहा के मां बाप नही हैं। उसके मरने के बाद अब उसके 10 साल से लेकर 2 साल के पांच बच्चों पर किसका साया रहेगा, यह अहम सवाल है। गांव वाले कयूम के लिए सख्त सजा की जरूरत तो बताते हैं, लेकिन उसके बच्चों के सवाल पर सभी खामोश हो जाते हैं। फिलहाल कयूम अभी फरार है और बच्चे गांव वालों की रोटियों के आसरे।

 

 

 

 

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