बेटी की सगाई थी, मंदिर जाते समय बाप की हादसे में दर्दनाक मौत, खुशियां मातम में तब्दील
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। रघुनाथ की बेटी सरिता की बुधवार को सगाई होनी थी। जिसको लेकर घर में खुशी का माहौल था। तैयारियों लगभग पूरी हो चुकी थी। यह था कि सुबह समय से सभी लोग घर से निकलेंगे। मंगनी हो जाने के बाद इसी लगन में उसकी शादी के लिए दिन और तारीख मुकर्र्रर होनी थी। मगर तकदीर का लिखा कौन मिटा पाया है? मंगनी की पूर्व की रात सरिता के पिता रघुनाथ गांव के मंदिर में हो रहे कीर्तन में शामिल होने के लिए निकले तो फिर कभी न लौट सके और एक दुर्घटना में वह परलोकवासी हो गये।
क्या है पूरा मामला
सरिता के मन में शादी के तमाम सारे ख्वाब थे, परिवार के लोगों ने शादी को लेकर न जाने कितने सपने बुन रहे थे। पर विधाता के आगे की किसी चली है। जहां बिटिया की शादी होनी थी। खुशियां की बरात आनी थी। वहां से पिता ऐसी बरात का दूल्हा बनकर निकलेंगे, जिसे कभी लौटनी ही नहीं थी। यह किसी ने सोचा भी नहीं था कि अगली सुबह सगाई के स्थान पर घर में मातमी अंधेरा छा गया है। इस घटना से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है
क्षेत्र के उज्जैनिया गांव निवासी 47 वर्षीय रघुनाथ के पास खेत के नाम पर डेढ़ बीघा जमीन है। वह उसी में सब्जी लगाता था। खेत से निकलने वाली सब्जी को बेचकर परिवार चलाता था। बड़ी सरिता की शादी के लिए मेहनत से एक-एक पाई जोड़कर रख रहा था। उन्होंनेबड़ी बेटी सरिता की शादी इसी इलाके के ही दखिनहवा गांव में तय कर रखा था। बुधवार को सगाई की तारीख तय थी। इससे पहले रात में वही वह हादसे का शिकार हो गया। मृतक ही घर में इकलौता कमाने वाला था। उसके चार बच्चे हैं। बड़ा लड़का संदीप (20), सरिता (18) जिसकी बुधवार को सगाई होनी थी। उसके बाद सविता (16), और सबसे छोटा पुत्र प्रतीक कुमार है जो (12) का है। मौत के बाद चार बच्चों और पत्नी साधना का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी को बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता सता रही है। कारण अब घर में कोई कमाने वाला नहीं है।
मंदिर पर पहुंचने से पहले चली गई जान
रघुनाथ गांव के बाहर स्थित भगवान रामजानकी मंदिर में प्रति मंगलवार को होने वाले कीर्तन में शामिल होने के लिए रात में निकले थे। वह बहुत धार्मिक प्रवृति के थे तथा धर्मकर्म के कार्यों में आगे बढ़कर हिस्सा लेते थे। घटना की रात भी वे मंदिर के पीछे पहुंचे ही थे कि तभी एक फोन आया और बात के दौरान उन्हें किसी से टक्कर लगी वे फौरन गिर कर निष्प्राण हो गये। उन्हें क्या पता था मौत के पूर्व वह प्रभु का दर्शन भी नहीं कर पाएंगे। मौत ने परिवार के साथ ही गांव के लोगों को भी तोड़ दिया है। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार के साथ ही घर पहुंचने वाले हर व्यक्ति की आंखे नम हो जा रही हैं।
रहस्यमय है टक्कर का मामला
रघुनाथ् को टक्कर लगना भी रहस्यमय है। उसे टक्कर किस चीज से लगी यह स्पष्ट नहीं है। वह रात में किसी इंसान से टकराया या किसी जानवर ने टक्कर मारी यह स्पष्ट नहीं है। ऐसा लगता है कि टक्कर से मौत तो एक बहाना था। दरअसल रघनाथ को बेटी की सगाई की चिंता सता रही थी, ऐसे में उसका किसी से टकराने के बाद हार्ट अटैक होने की बात कुछ स्वाभाविक लगती है। बहरहाल इस वक्त रघुनाथ के घर में खुशियों का नहीं मातम का माहौल हैं। सरिता की मंगनी भी टल गई है। बाप के न रहने के कारण अब उसकी शादी कैसे गी, यह अहम सवाल बन गया है।