चाचा-भतीजे के मिलन से डुमरियागंज में कमाल यूसफ की हो सकती है बल्ले बल्ले

December 17, 2021 2:59 PM0 commentsViews: 1702
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डुमरियागंज के दो राजनैतिक खेमों में निराशा बिखरी,

कमाल यूसुफ के समर्थकों में जश्न का माहौल

नजीर मलिक


सिद्धार्थनगर। समाजवादवार्दी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव की कल हुई अचानक मुलाकात के बाद चाचा़-भतीजे के रिश्तों पर जमी बर्फ का पिघलना शुरू हो गया है और अब दोनों ही दलों के बीच विलय अथवा गठबंधन का रास्ता साफ हो गया है। इस घटना के बाद प्रदेश भार के सपा प्रसपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है और वे आगामी चुनाव में सपा की सरकार बनना निश्चित मान रहे हैं।
चाचा भतीजे की परस्पर मुलाकात से जहां पूरे प्रदेश में सपा में उत्साह है, वहीं जिले के डुमरियगंज क्षेत्र में स्थानीय कारणों के चलते सपा के एक खेमे में भारी निराशा है तथा दूसरे खेमे में नई आशा का संचार हो गया है। सामान्य परिस्थिति में डुमरियागंज विधानसभा सीट पर सपा नेता चिनकू यादव का लड़ना लगभग तय था। चिनकू यादव पिछला चुनाव लड़ कर हार चुके हैं। मगर कई महीनों से सपा में शिवपाल की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) से गठजोड़ की कोशिशों के कारण शिवपाल यादव के करीबी साथी और पांच बार विधायक रहे कमाल यूसुफ का पलड़ा भारी होता दिख रहा था।
इन दोनों नेताओं के बीच तीसरी दावेदार बसपा नेता सैयदा खतून भी उभरीं थीं और टिकट की दावेदारी में थीं। उनका मानना था कि मुस्लिम बाहुल्य सीट डुमरियागंज से सपा ने दो बार यादव प्रत्याशी उतारा और दोनों ही बार पराजय मिली। इससे अखिलेश यादव की नई समझ बनी कि वहां से मुस्लिम उम्मीदवार देना ही श्रेयस्कर होगा। चूंकि वरिष्ठ नेता व कई बार विधायक रहे कमाल यूसुफ शिवपाल खेमे के हैं इसलिए सपा से सैयदा को टिकट मिल सकता है। अभी इस प्रकार के जोड़ तोड़ चल ही रहे थे कि चार वर्षों से एक दूसरे से बहुत दूर रहे अखिलेश यादव व शिवपाल यादव की कल मुलाकात हो गई। अखिलेश यादव स्वयं शिवपाल के घर पहुंचे और बैठ कर सारे गिले शिकवे दूर किये। सूत्र बताते हैं कि अब दोनों (चाचा-भतीजा) के मिलने के बाद केवल गठबंधन अथवा विलय की औपचारिक घोषणा ही शेष है।
यदि यह घोषणा आज कल में होती है तो डुमरियागंज सीट से निश्चित रूप से पूर्व मंत्री मलिक कमाल यूसुफ अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट मिल सकता है, ऐसा हर जानकार बताते हैं। यह खुली बात है कि 2017 कमाल यूसुफ का टिकट शिवपाल के करीबी होने के कारण ही कटा था। उससे पूर्व भी शिवपाल यादव व मलिक कमाल यूसुफ एक दूसरे के काफी करीब माने जाते रहे हैं। लिहाजा यदि गठबंधन की घोषणा हुई तो कमाल यूसुफ का टिकट इस सीट पर यकीनी तौर पर पक्का माना जा सकता है। गठबंधन की खबर के बाद से चिनकू सादव व सैयदा खातून का खेमा जहां निराश् दिख रहा है, वहीं कमाल यूसुफ के खेमे में जश्न का माहौल है।

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