शायर वसीम बरेलवी का सम्मान मुसलमान और उर्दू सहित्य का सम्मान- कमाल
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज कस्बें में हुई समाजवादी पार्टी की बैठक में उर्दू शायर वसीम बरेलवी को विधान परिषद के लिए मनोनीत करने पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
बैठक में कहा गया कि उर्दू किसी जाति-धर्म की भाषा नहीं है, वरन यह पूरे मुल्क की भाषा है। इसके बिना हिंदुस्तानी जुबान की कल्पना तब नही की जा सकती है। शायर वसीम बरेलवी को विधान परिषद का सदस्य बनाकर सपा ने मुसलमानों और उर्दू सहित्य का सम्मान किया है।
बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री एवं विधायक मलिक कमाल युसूफ ने कहा कि वसीम बरेलवी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। शायरी की दुनियां में उनका नाम बड़े अदब के साथ लिया जाता है। ऐसे शायर का सम्मान किसी वर्ग विशेष का नहीं, बल्कि उर्दू सहित्य का सम्मान है।
पूर्व मलिक कमाल युसूफ ने कहा कि सहित्यकारों और शायरों के बीच उर्दू भाषा का इस्तेमाल वर्षो से होता आया है। अतीत में फिराक गोरखपुरी और जस्टिस आनंद नारायन व दुष्यंत कुमार समेत सभी शायरों ने इसका प्रयोग कर अपनी रचनाओं को नया आयाम दिया था।
वर्तमान में वसीम बरेलवी भी उसी दिशा में काम कर रहे हैं। उनको विधान परिषद में भेजकर सपा ने मुसलमानों के साथ-साथ उर्दू सहित्य का भी सम्मान किया है। इसके लिए समाजवादी पार्टी की जितनी भी प्रशंसा की जायें, कम है।
इस अवसर पर सपा नेता इरफान मलिक, गुफरान मलिक, एस. पी. श्रीवास्तव, बबलू मलिक प्रधान, सोनू मलिक, राधे यादव, संजय श्रीवास्तव, बब्बू रिजवी, मोहम्मद फैसल, जमाल सिद्दीकी, आदि की उपस्थिति रही।