कंजड़ गिरोह के हत्यारे डकैत उड़ा रहे पूर्वी यूपी की नींद, थर्राये हैं पूरब के 20 जिले
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। पश्चिमी यूपी के खतरनाक डकैत गिरोह ने पिछले डेढ़ दशक में पूर्वी उत्तर प्रदेश में पांव पसार लिये हैं। हालांंकि पुलिस इन्हें जले भेजने और मुठभेड़ में मार गिराने में कोई कोताही नही कर रही, लेकिन रक्तबीज की औलादें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
इतवार की रात 11 बजे विकास भवन मेनरोड पर बने ठेकेदार ओम प्रकाश चौबे के घर कंजड़ गिरोह ने बहुत दीदादिलेरी के साथ हमला किया। सैकड़ों वाहनों के शोर और राहगीरों के बीच सरे सड़क इस तरह की वारदात करने का कलेजा सबमें नहीं होता है।
यह उनकी बदकिस्मती कहें या पुलिस अधीक्षक अजय साहनी की थ्रिलर नावेल के सबसे बड़े जासूस जेम्स बांड की स्टाइल, उन्होंने घटनाक्रम को समझा और दिमाग के बल पर उन्हें गिरफ्तार किया, हालांकि इस दौरान गोलियां भी चलीं। 9 डकैत पकड़े गये और ओम प्रकाश चौबे के घर से लूटा गया तकरीबन पांच लाख का सामान भी बरामद हुआ।
एसवपी अजय साहनी की मानें तो उन्हें पता था कि कंजड़ गैंग आम तौर पर वारदात के बाद रात में करीबी रेलवे सटेशन की तरफ भागता है। बस उनकी आस पास के स्टेशनों को घेरने की रणनीति काम आ गई।
कंजड़ों से थर्राता पूर्वांचल
कन्नौज, कानपुर, संभल के इलाकों में रहने वाले इन कंजड़ों के निषाने की जद पर केवल सिद्धार्थनगर ही नहीं है। गोरखपुर, बहाराइच, गोंडा, बस्ती, राजधानी लखनउ जैसे पूवा्रंच के सभी जिले इनकी जद में हें, जहां इन लोगों ने पिछले एक दशक में दस करोड़ की लूट की और सौ के आस पास हत्यायें कीं। इसी साल सिद्धार्थनगर में कम से कम तीन हत्या इसका प्रमाण हैं।
14 साल पहले आये थे कंजड़
हां तक कंजड़ों के आगमन का सवाल हैं, उन्होंने 14 साल पहले जिले में दस्तक दी थी और पूर्वी सूपी का तीसरा सबसे बड़ा कांड बना था। 0र्ष 2002 में उन्होंने बांसी में एक बैंक अफसर के घर ठकैती डाल कर सात लोगों का कत्ल किया था। घटना के चार घंटे बाद मुठभेड़ में वह सभी सातों अपराधी अपने नेता छंगा सहित मारे गये थे। इस तरह कुल 14 मौतें हुई थीं।
लूट के दौरान रेप भी करते हैं कंजड़
कंजड़ों की सबसे बड़ी अमानवीयता महिलाओं की आबरू लूटने की है। अकस्र मौका मिलने पर वह घर की महिलाओं से रेप भी करते हैं। मानवता के लिहाज से इसे लिखना उचित नहीं लेकिन पिछल्े डेढ दशक की वारदातों में उन्होंने अनेक बलात्कार भी किये हैं।
इनसे कैसे रहें सावधान
यह गिरोह रात में अक्सर अपने को पुलिस कह कर दरवाजा खटखटाता है। रात में कोई आपका दरवाजा खटखटा कर अपने को पुलिस बताये तो पुष्टि के बाद ही दरवाजा खोलें। यही नहीं फेरी वाले अक्सर कंजड़ गिरोह के लिए रेकी करते हैं। कभी कभी यहखुद फेरी वाले बन जाते हैं। इसलिए फेरीवालों से सावधान रहें और उन्हें घर में किसी कमरे में न बिठायें।