13 साल पहले बांसी एनकाउंटर में मारे गये सभी सात डकैत भी कन्नौज रेंज के कंजड़ थे, आखिर कौन हैं यह कंजड़–बावरिया?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। शुक्रवार की रात बांसी के करीब सोनखर गांव में मुडभेड़ के बाद गिरफ्तार किये गये सभी 10 डकैत कन्नौज और संभल रेंज के रहने वाले हैं। 13 साल पहले भी इसी कोतवाली क्षेत्र में मारे गये सभी सात डकैत भी कन्नौज रेंज के कंजड़ ही थे।
एक जून 2003 को बांसी शहर में पड़ी डकैती के बाद सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गये सभी सात सदस्य कन्नौज रेंज के ही थे। इनके नेता का नाम छंगा था। मुठभेड़ में छंगा भी मारा गया था। इस बार भी तमाम डकैती और हत्या में कन्नौज फैक्टर ही सामने आया है।
पूर्वी यूपी में बढ़ रहा कंजड़-बावरिया आतंक
पूर्वी उत्तर प्रदेश की डकैतियों में कन्नौज के कंजड़ और राजस्थान के बावरिया गिरोह की दखल बढ़ती ही जा रही है। बावरिया गिरोह में जहां गिरोह आम तौर से हिंदू धर्म का अनुयायी होता है, वहीं कंजड़ या कलंदर गिरोह के सदस्य सामान्यतयः मुसलमान होते हैं।
दोनों गिरोहों के अपराध और आपराधिक कर्मकांड का तरीका एक ही होता है। कंजड़ और बावरिया गिरोह असलहे पर अधिक भरोसा नहीं करते। वह आम तौर से मोटे डंडे से ही लोगों को मार कर लूट करते हैं।
उनका वार इतना सटीक होता है कि डंडे के एक ही वार में इंसान की मौत हो जाती है। दीपावली की पूर्व संध्या पर बढ़नी में मारे गये घनश्याम और उनकी पत्नी पर भी डंडे से एक-एक ही वार किया गया था।
दीपावली से शुरू होता है उनका आपराधिक स़त्र
दोनाें गिरोह दीपावली से पूर्व अपनी योजना बनाते हैं। यह अपना इलाका बांट कर चलते हैं। बावरिया अनाज के दाने बिखेर कर दानों की दिशा के अनुसार तो कंजड़ कौड़ी उछाल कर अपने आपराधिक क्षेत्र को तय करते हैं।
डकैत कंजड़ हों या बावरिया, दोनों की संख्या सैकड़ों में होती है। यह सात आठ के अलग अलग गिरोह बना कर अपना काम करते हैं। मगर सभी का नेता एक ही होता है।
इनका नेता नही करता अपराध
इनका नेता किसी घटना में शामिल नहीं होता। गिरोह के पकड़े जाने पर नेता ही सबकी जमानतों का इंतजाम करता है। गिरोह के लोग अपने नेता को लूट की 25 प्रतिशत रकम बहुत ईमानदारी से पहुंचाते रहते हैं। इसमें कभी बेईमानी नहीं होती है।
कंजड़ और बावरिया गैंग का कार्यक्षेत्र मुख्यतयः राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और यूपी हैं। इन दोनों गिरोहों को आधुनिक युग का पिंडारी भी कहा जाता है। फिलहाल जिला पुलिस ने इस गैंग को गिरफ्तार कर उल्लेखनीय काम किया है, लेकिन उसे यह भी तय करना है कि फिर कोई कंजड़ या बावरिया गिरोह जिले में न फटक पाये।