कपिलवस्तु महोत्सव में नवोन्मेष ने मचाई धूम, गायन में नहीं जम पाईं रागिनी चन्द्रा

December 30, 2015 12:40 PM0 commentsViews: 655
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नजीर मलिक

नाटक बावरी उडान पेश करते नवोन्मेष के कलाकार, गीत प्रस्तुत करतीं रागिनी चन्द्रा और उपस्थित अधिकारीगण

नाटक बावरी उडान पेश करते नवोन्मेष के कलाकार, गीत प्रस्तुत करतीं रागिनी चन्द्रा और उपस्थित अधिकारीगण

सिद्धार्थनगर। कपिलवस्तु महोत्सव की पहली रात स्थानीय सांस्कृतिक सस्ंथा नवोन्मेष ने जहां अपने नाटक बावरी उड़ान से पांडाल में घूम मचा दिया, वहीं बाहर से आईं रागिनी चन्द्रा कोई प्रभाव छोड़ने में असफल रहीं।

शाम आठ बजे खेला गया नाटक एक विकलांग के जीवन की जीवंत पेशकश थी। उसके राह में आने वाली बाधायें किसी तरह उसकी राह रोकती थीं और वह इन झंझावातों से कैसे गुजरता था, इसकी शानदार मिसाल थी बावरी उड़ान। नाटक के शुरू में बावरी ने उडत्रान भरी तो परवाज मंजिल पर जाकर ही रुका। विजित सिंह और मंजर अब्बास रिजवी का अभिनय जोरदार रहा।

दूसरा कार्यक्रम गंगा तीरे से आईं गायिका रागिनी चन्द्रा का था। देवीगीत के बाद उन्होंने भोजपुरी और अवधी भोजपुरी मिश्रित कई गीतों को प्रस्तुत किया, मगर वह रंग न जमा सकीं। यही वजह थी कि लोग भोजपुरी के पहले गीत के बाद ही कुर्सियां छोड़ने लगे। अफसरों का खेमा अंत तक जरूर मौजूद रहा।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी डा सुरेन्द्र कुमार पांउेय, मुख्य विकास अधिकारी अखिलेश तिवारी, उप निउेशक कृषि, प्रसिद्ध कवि हरिनायण हरीश, डिग्री कालेज के पूर्व प्राचार्य डा राम नरेश मिश्र आदि की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।

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