चुनावी गहमा-गहमी शुरू, कौन बनेगा मुकद्दर का सिकंदर? अमर सिंह करेंगे सियासी चमत्कार?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सोमवार से डुमरियागंज लोकसभा सीट के लिए नामांकन शुरू हो रहा है। नांमांकन मई तक चलेगा। इस बीच इस सीट से चुनाव लड़ने वाले तीन प्रमुख दलों के प्रत्याशी पचर्चा दाखिल करेंगे। पर्चा जांच और नाम वापसी के साथ उनका चुनाव प्रचार का विधिवत आरंभ हो जायेगा। इन तीनों दलों में से बसपा के प्रत्याशी के बदलने की चर्चाएं अब थमने लगीं है। इसलिए प्रत्याशिता को लेकर अब कोई रोमांच लगभग न के बराबर रह गया है।
खबर है कि सत्ताधारी दल के प्रत्याशी व भाजपा के वर्तमान संसद सदस्य जगम्बिका पाल 1 मई दिन बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। उनके साथ कई वरिष्ठ भाजपा नेता भी रहेंगे। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता के अनुसार गठबंधन के उम्मीदवार व सपा प्रत्याशी अपना नांमांकन 4 मई को दाखिल करेंगे। इस दिन भी गहमा-गहमी के आसार हैं। जहां तक बसपा प्रत्याशी ख्वाजा शमसुददीन का सवाल है, उनका कहना है कि उनके नामांकन का दिन आजशम तक बैठक कर एलान किया जायेगा। वैसे अपुश्ट सूत्रों के अनुसार वह शुक्रवार को अपना नामांकन फाइल कर सकते हैं।
इन तीनों प्रत्यशियों के अलावा अभी तक कोई और उल्लेखनीय चेहरा सामने नहीं आया है। कुछ लोगों को उम्मीद थी कि शोहरतगढ़ के पूर्व विधायक अमर सिंह अंतिम क्षणों में अपने विशेष प्रयास से शमसुद्दीन की जगह बसपा का टिकट ला सकते हैं, लेकिन नामांकन का समय आ जाने के बावजूद उन्हें सफलता न मिल पाने से अब उनकी उम्मीदवारी धूमिल पड़ रही है। वैसे अभी भी किसी चमत्कार की आशा में वे अपनी मुहिम में डटे हुए हैं। लेकिन बसपा से टिकट न बदले जाने की दशा में क्या वह किसी और दल से टिकट लेकर चुनाव लड़ेंगे, यह अभी सप्ष्ट नहीं है।
बहरहाल तीनों प्रत्याशियों के सक्षम और एनरजटिक होने के कारण नमांकन के बाद से ही चुनावी गहमा गहमी शुरू हो जाने की उम्मीद है। क्योंकि नामांकन से पूर्व ही सपा और भाजपा के उम्मीदवारों ने मुम्ब्ई का दौरा कर वहां बिखरे अपने लगभग तीन लाख वोटरों से सम्पर्क साध लिया है। अब उनके लिए डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र में ही रह कर मतदाताओं को मथने व लुभाने का काम करना है। इन बाकी एक महीने में ही प्रत्याशियों को अपने काम करने हैं। इस लिहाज से भाजपा प्रत्याशी जगदम्बिका पाल लाभ की पोजिशन में हैं। क्यों कि वह यहां से पूर्व में भी चार चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन सपा प्रत्याशी कुशल तिवारी भी कम नहीं है। वह पहली बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए वह और उनके अनुज व पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी व विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय निरंतर क्षेत्र में रह कर इस कमी को पूरा कर रहे हैं।
फिलहाल इस संसदीय सीट पर तीन उम्मीदवारों के बीच रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है। लेकिन यदि कहीं पूर्व विधायक चौधरी अमर सिंह ने कोई राजनीतिक गुल खिला दिया तो चुनाव रोचक ही नहीं रोमांचक भी हो जायेगा। इसलिए कल से दिल थाम कर 5 मई तक इंतजार कीजिए। कोई गुल खिलना होगा तो पांच मई की शाम तक खिल जायेगा। वरना तो इन्हीं तीनों के बीच चुनाव होगा जिसमें जगदम्बिका पाल और कुशल तिवारी के राजनीतिक दांव पेंच देखना रोचक होगा।