इमरान दानिश
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। भगवान् चाहते हैँ की जीव मेरे सम्मुख रहे लेकिन जीव तो भगवान् से विमुख ही रहता है, लेकिन जब तक जीव भगवान के सम्मुख नहीं रहेगा, उसे मोक्ष नहीं मिल पायेगा। मोक्ष के लिए भक्त को भगवान के सम्मुख जाना ही पड़ेगा।
ये बाते श्री विजय कौशल जी महराज ने आज शाम राम कथा अमृतवर्षा प्रोग्राम में कहीं। वह शोहरतगढ़ के वीरेंद्र ग्रामीण स्टेडियम में भक्तों को सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि जीव और भगवान का रिश्ता अटूट होना चाहिए। भक्त फिसला तो मोक्ष फिसल जायेगा।
अहंकार पर अपना नजरिया पेश करते हुए शल जी महाराज ने कहा कि आज कल मनुष्य की सबसे बड़ा दुश्मन उसका अहंकार है । अहंकार त्यागने के बाद तो सारे कष्ट खुद बखुद दूर हो जाते हैं । इसलिए सफलता और मोक्ष पाना है, तो आपको अहंकार का त्याग करना ही पड़ेगा।
उन्होंने कहा आज कल इतने धार्मिक आयोजन होते हैं लेकिन उसका कोई फल नै दिख रहा है समाज अनाचार और अश्लीलता की तरफ बढ़ता जा रहा है । कोई भी आयोजन हो तो उसके पीछे की नीयत सही होनी चाइये ।
इस दौरान वीरेंदर तिवारी, संतोष पोद्दार, मुकेश पोद्दार, शशिरंजन त्रिपाठी, डॉक्टर नलिनी कान्त त्रिपाठी, रज्जू बोरा, विजय निगम, सतीश मित्तल,नंदू गौड़, लाल जी त्रिपाठी उर्फ़ लाल बाबा, राम उजागिर, अनूप परसराम का, रितेश अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।