हथपरा में साम्प्रदायिक लूटपाट करने वालों की धर पकड़ से कतरा रही पुलिस, अब कोर्ट की शरण लेने की तैयारी

September 13, 2020 11:22 AM0 commentsViews: 815
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— ग्रमीणों के मुताबिक पुलिस ने लूटा सामान वापस दिलाने की शर्त पर मुकदमा न लिखाने का अनुरोध किया था

— जल्द ही अदालत से गुहार लगा सकते हैं गांव के अल्पसंख्यक, अभी भी सरे शाम छा जाता है सन्नाटा- फरहान खान

नजीर मलिक

हथपरा वासियों से बातचीत करते सपा नेता फरहान खान

सिद्धार्थनगर। जिले के इटवा तहसील के हथपरा गांव में तीन सप्ताह पूर्व हुई साम्प्रदायिक लूट और आगजनी की घटना का मामला अब तक दर्ज न करने तथा किसी को गिरफ्तार न करने से गांव के अपल्पसंख्यकों में क्षोभ है। अभी तक वे पुलिस के अश्वासन पर टिके हुए थे। लेकिन अब उनका धैर्य टूट रहा है और जल्द ही वह कोर्ट की शरण में जाने का मन बना रहे हैं ।

  गत दिवस समाजवादी पार्टी के नेता फरहान खान ने हथपरा गांव का जायजा लिया और जानकारी दी। सनद रहे कि गत 22 अगस्त को हथपरा गांव में साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा दर्जन भर घरों में लूटपाट की गई थी। आगजनी के अलावा कब्रिस्तान की बाउंड्री ढहाने के साथ एक मजार पर भी तोड़ फोड़ की गई थी। इस घटना में असामाजिक तत्व लाखों का सामान लूट कर ले गये थे। तब त्रिलोकपुर पुलिस ने आश्वासन दिया था कि मुकदमा न लिखायें, उनका लूटा हुआ सामान वापस करा दिया जायेगा। कमजोर अल्पसंख्यक तबका इस बात पर राजी भी हो गया था।

लेकिन हथपरा गांव के लोगों का न लूटा गया सामान वापस हुआ न कोई मुकदमा दर्ज हुआ न  ही किसी की गिरफतारी हुई। बस जिलाधिकारी द्वारा केवल कब्रिस्तान की बाउंड्री जरूर बनवा दी गई है। गांव में अभी भी दहशत कायम है। अल्पसंख्यक सरे शाम घरों में कैद हो जाते हैं। महिलाएं कुछ ज्यादा ही डरी हुई हैं।

गांव के ही रहीस ख़ान का कहना है कि हम सब बेबसों की तरह खौफ़ में हैं। यहां कानून का नहीं सिर्फ अपराधियो का राज चल रहा है हाजी अब्दुल मुस्तफा का कहना था कि एक घर की लड़ाई का पूरा दर्द गांव के सारे मुसलमानों को झेलना पड़ रहा है। हम लोग रात 8 बजे से पहले अपने घरों में आ जाते हैं कि कोई अनहोनी न हो जाये। 

समीर खान कहते हैं कि जो लोग जेल में हैं उनके घर कोई नही है तो 3 दिन पहले दबंगों ने उनके घर को छतिग्रस्त कर दिया। जिस पर हम सबने उच्च अधिकारियों से बात की तो पुलिस फ़ोर्स ने आकर ईंटे ठीक करा दी पर न कोई जांच हुई न कोई पकड़ा गया। गांव वालों ने बताया कि सपा नेता माता प्रसाद पाण्डेय जी के दबाव के बाद ज़िलाधिकारी ने क़ब्रिस्तान की बाउंड्री वाल फिर से ठीक करवा दी है।

ग्राम प्रधान बाल गोविंद दोनों समाज के लोंगो से अपील कर कर देश की गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं और पीड़ितों के प्रति हुई नाइंसाफी के खिलाफ मज़बूती से जरूर खड़े हैं ।गांव के लिए यही फिलहाल गांव के लिए सुकून की बात है।

बता दें कि इस घटना में बाहर गांव के लोगों की ही भूमिका थी। गांव के लोग इससे अलग थे। बाहरी तत्वों ने ही दो घरों के बीच हुई मारपीट को साम्प्रदायिक रंग देकर पुलिस के समक्ष दिन दहाड़े लूट पाट की थी, जिसके कई विडियों उपलब्ध हैं। जिसमें पुलिस को सरेआम गालियां देकर धमकाने का दृश्य देखा जा सकता है। मगर पुलिस को अपमान का घूंट पीकर रह जाना पड़ा।

इस बारे में सपा नेता फरहान खान ने बताया कि गांव वालों का अब प्रशासन से न्याय का भरोसा टूट चुका है। वे अब हर हालत में न्याय के लिए अदालत की शरण में जाने की तैयारी कर चुके हैं। उनका कहना है कि ग्रामीण मानते हैं कि जब लूटना पीटना ही है तो कब तक डरें। अब तो इंसाफ के लिए डरना छोड़ कर अदालत जाना ही पड़ेगा।

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