किसान सम्मान निधि ले रहे 11 हजार किसानों से सरकारी धन की रिकवरी के आदेश

January 22, 2024 12:34 PM0 commentsViews: 6652
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सरकारी नौकरी करने वाले या आयकर देने वाले, किसान सम्मान निधि के अधिकारी नहीं, कभी जांच में पकड़े जाने पर पूरा धन वापस करना होगा

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। किसान सम्मान योजना का लाभ ले रहे जिले के 11 हजार किसानों पर प्रशासन की गाज गिरी है। अयकर अदा करने वाले बड़ी हैसियत के यह किसान सरकारी योजना का लाभ ले रहे थे। अब इन्हें वर्षों से ली जा रही सम्पूर्ण धनराशि वापस करनी पड़ेगी। इसलिए ऐसे सभी किसानों की सम्मान निधि पर रोक लगाते हुए विभाग ने इसकी रिकवरी के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब विभाग की ओर से इन खाता धारकों को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद अगर वापसी नहीं हुई तो कार्रवाई की जाएगी। इसे पहले भी लगभग 2 हजार किसान ऐसे मामलों में फंस कर किसान सम्मान निधि की पूरी रकम वापस लौटा चुके हैं।

कैसे हुई गड़बड़ी

केंद्र और प्रदेश की सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कई प्रकार योजनाओं को चलाकर लाभ दे रही है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2019 में किसानों को प्रोत्साहन के रूप में किसान सम्मान निधि देने की योजना शुरू की। इस में एक किसान को वार्षिक छह हजार रुपये निर्धारित किया है। जो तीन किस्त में रूप दो-दो हजार रुपये बैंक खाते में आता है। इसमें आयकर दाता, सरकारी नौकरी वालों को योजना से बाहर रखा गया था। लेकिन जब योजना की शुरुआत हुई तो जिनके नाम से खेत की भूमि थी, उन्हें आनन-फानन में योजना से जोड़ दिया गया।

गलत लोगों के चयन को लेकर कई बार जांच हुई, लेकिन बहुत कम लोग बाहर हो पाए। बताते है कि गत जुलाई माह में केंद्र सरकार की ओर से एक सर्वे हुआ। इसमें मानक के बाहर और मृतक लोगों को छांटकर बाहर करने और नये लोगों को जोडऩे का कार्य शुरू हुआ। इसमें 11हजार ऐसे खाते पकड़ में आए, जो आयकर दाता हैं। इसमें अधिकांश सरकारी नौकरी करने वाले हैं, जो सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। कोई तीन तो कोई चार और पांच किस्त ले चुका है। पूर्व में मिले दो हजार से अधिक आयकर दाता पकड़े गए थे, नोटिस के बाद भारत सरकार के खाते में वापस कर दिए। अब 11 हजार और लोगों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई। जो लगभग एक करोड़ रुपये दबाए बैठे हैं। जल्द ही इनसे रिकवरी की जाएगी।

आगे भी जांच होती रहेगी

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच तो कई बार हुई, लेकिन तीन स्तर पर जब जांच की गई तो आधार बेस के जरिए पहचान की गई। इसमें पकड़ में आया कि इतनी बड़ी संख्या में लोग योजना को लाभ ले रहे हैं। पहले इनके खाते पर रोक लगा दिया गया, सम्मान निधि नहीं जा रही है। इसके बाद रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रशासन के ही सूत्र ने बतायाकि अभ् जांच और चलेगी। आगे भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं।

जिम्मेदार अधिकारी ने कहा—-

इस बारे में उप कृषि निदेशक आरके विश्वकर्मा ने ने कहा कि आयकर दाता होते हुए किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले जो 11 हजार लोग मिले हैं। उनके खातों पर रोक लगाने के साथ ही धनवापसी के लिए बताया गया है, दो हजार लोग पहले वापस भी कर चुके हैं। नोटिस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।

 

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