चार दिन से घूप खा रहे मगरमच्छ के खौफ से ग्रामीणों का कामकाज ठप, प्रशासन से गुहार

February 3, 2024 12:50 PM0 commentsViews: 1940
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। विकास खंड मिठवल के ग्राम पंचायत बनकटा के राजस्व ग्राम अन्तर्गत किशुनपुरवा गांव के समीप राप्ती नदी की रेत में पिछले चार दिनों से मगरमच्छ देखे जाने पर हड़कंप मचा हुआ है। उसके निरंतर देखे जाने से ग्रामीण बहुत डर गये हैं। खास कर बच्चों को तो उधर की तरफ रुख ही नहीं करने दे रहे हैं। ग्रामीणों से सूचना मिलने पर भी वन विभाग की टीम नहीं पहुंची। जिससे ग्रामीणों में काफी दहशत व्याप्त है।  उन्होंने प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने की अपील की है।

चार दिनों से बाहर धूप सेंक रहा मगरमच्छ

किशुनपुरवा गांव राप्ती नदी के दक्षिणी छोर के तट पर स्थित है। जहां पर ग्रामीण पिछले चार दिन से नदी के तट पर रेत में एक विशाल मगरमच्छ को देख रहे हैं। आठ फीट लम्बा और विशलकाय  मगरमच्छ आराम से वहां धूप सेंक रहा है। उसे भगाने की हरोशिश नाकाम हो रही है। पहले दिन काफी भीड़ इकट्ठा होने पर वह पानी में चला गया। लेकिन उसके अगले दिन फिर उसी जगह पर दिखाई दिया। जिसके बाद से हर दिन धूप निकलने पर उसी जगह मगरमच्छ घंटों पानी से निकलकर उसी स्थान के आस पास बैठता है। जो शनिवार को भी दिखाई दिया। इससे ग्रामीण डरे हुए हैं। कड़ा कानून होने के कारण लाग उसे  मार भी नहीं सकते और प्रशासन भी कुछ कर पाने में असहाय दिखता है।

ग्रामीणों का गांव से बाहर निकलना बंद

ग्रामीण सतीश, मनीष पांडेय, शिवनाथ मौर्या, शिवरतन राम, नेवास सहानी, उमेश पाण्डेय सहित आदि ने बताया कि हम लोगों का गांव नदी से सटा हुआ है। ऐसे डर लगा रहता है कि कहीं मगरमच्छ नदी से निकल कर गांव में ना आ जाए। यही नहीं डर के कारण न ही उधर जानवरों को जाने देते हैं न ही पशुओं का चारा काटने ही उस तरफ जाते हैं। बच्चों को लेकर ग्रामीणों में विशेष भय समाया हुआ है। इसकी सूचना हम लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों को दी पर कोई नहीं आया।  उधर नदी के उत्तरी तट के लाग भी डरे हुए हैकि कहीं नदी पार कर वा इधर न चला आये। जहां तक प्रशासन का सवाल है वह मगरमच्छ को वहां से हटा पाने में असहाय नजर आ रहा है।

नदी की तरफ जाने से बचें ग्रामीण- वन रेंजर

इस बारे में खेसरहा क्षेत्र के फारेस्ट रेंजर सुशील कुमार ने कहा कि उन्हें इसकी सूचना मिली है। पर मगरमच्छ का प्राकृतिक घर नदी ही है। हम उसे ले जाकर कहा छोड़ेंगे। वह इस समय धूप ले रहा है। धूप लेने के बाद खुद चला जायेगा। उन्होंने ने ग्रामीणों से अपील की है कि इन हालात में ग्रामीण नदी की तरफ जाने से बचें, खासकर स्थिर पानी में ना जायें, क्योंकि मगरमच्छ बहते पानी में नहीं रहते वह स्थिर पानी में ही रहते हैं।

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