अपहृत प्रियंका चौधरी सूरत से मुक्त कराई गई, उसकी सुंदरता ही बनी उसके लिए अभिशाप
नजीर मलिक
सीमा से सटे नेपाल के एक गांव से अपहृत 17 वर्षीया किशोरी को अपहर्ताओं के चुगुल से मुक्त करा लिया गया है। उक्त किशोरी को गुजरात के घर में कैद कर रखा गया था। मंगलवार को टी ह्यूमन ट्रैफकिंग युनिट सूरत के वर्करों ने उसे मुक्त करा लिया है। उक्त बालिका अभी यहां पहुंची नहीं मगर सिद्धार्थनगर का एक आदमी अपने लोगों से सूरत में लड़की पर बयान बदलने का दबाव बन रहा है। वह कौन है तथा क्या मानव तस्करी का सरगना भी वही है, इसका खुलासा बालिका के वापस लौटने पर ही पता चल सकेगा।
प्रियंका चौधरी नामक (कापनिक नाम) उक्त बालिका अत्यंत खूबसूरत थी। भारतीय मूल की उस नेपाली बाला की सुंदरता ही उसकी दुश्मन बन गई। बताते हैं कि मानव तस्कर गिरोह के एक नेपाली युवक उसे सुंदर सपने दिखा कर भगा ले गया तथा उसे सरत में तस्कर गिरोह को सौंप कर फरार हो गया। सूरत में प्रियंका चौधरी एक मकान में कैद थी उसे यह भी मालूम नहीं था कि वह किस जगह कैद है? यह बीते पखवारे की घटना है।
अचानक 20 सितम्बर को मौका पाकर मकान की सफाई करने वाली नैकरानी के मोबाइल फोन से प्रियंका चौधरी ने अपने भाई को फोन कर दिया। उसने जल्दबाजी में भाई को बताया कि वह एक जगह कैद है उसे शहर का नाम मालूम नहीं है। परन्तु एसे मकान के आस पास कपास (रूई) के खेत दिख रहे हैं। इससे आडियामिलाकि वह कपास वाले इलाके महाराष्ट्र अथवा गुजारात में कहीं कैद है। बहारहाल मोबाइल नम्बर पाकर भाई ने नेपाल एवं भारतीय एजेंसियों को खबर दी। मगर किसी ने मामले में दिलचस्पी न दिखाई।
ऐसे लगा लड़की का पता
घटना की सूचना बाल कल्याण समति सिद्धार्थनगर को भी दी गई थी। समति के अध्यक्ष वीरेन्द्र मिश्र ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (मानव तस्करी निरोधक समति) सिद्धार्थनगर को दी। यह जानकारी पाकर मानव तस्करी निरोधक समिति ने अपनी सूरत युनिट को सूचना दी। सूरत की युनिट ने सर्विलासं के माध्यम से नौकरानी को ट्रेस किया।फिर पुलिस के माध्यम से उस बालिका मुक्त करा लिया। बालिका दो एक दिन में कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर घर पहुंचेगी तब सारे मामले का वधिवत पर्दाफाश हो सकेगा। मगर इस दौरान लड़की ने फोन पर अपने परिजनों को बताया है कि सिद्धार्थनगर को कोई आदमी सूरत में अपने गिरोह के माध्यम से उस पर अपना बयान बदलने के लिए धमकाने के साथ दबाव डाल रहा है। इससे लगता है कि शायद वही आदमी गिरोह का सरगना भी हो।
मानव तस्करी का सरगना हो सकता है बेनकाब
पुलिस महकमे में भी चर्चा है कि आखिर वह सरगना कौन है? जो गुजरात में किशोरी पर बयान बदलने का दबाव बना रहा है। आशंका है कि वह भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी से जुड़ा है। यही कारण है कि अपने स्रोतों से किशोरी पर दबाव बना रहा है। ऐसा हो सकता है कि सरगना के पकड़ में आने के बाद मानव तस्करी के अन्य मामले का भी खुलासा हो जाए।
इस बारे में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष/ सदस्य वीरेंद्र मिश्र ने बताया कि नेपाली किशोरी के पिता ने बाल कल्याण समिति को पूरी जानकारी दी है। उसने बताया कि सिद्धार्थनगर का कोई व्यक्ति फोन के जरिये सूरत में किशोरी पर बयान बदलने का दबाव बना रहा है। किशोरी सूरत से वापस आएगी तो उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इस मामले में किशोरी को बेचे जाने की हकीकत भी सामने आ सकती है।
पिछले साल दर्ज हुए थे चार केस
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने एक साल पहले मानव तस्करी के चार केस दर्ज किए थे। इसमें बढ़नी और ककरहवा बॉर्डर के दो-दो केस थे। दो केस में भारतीय किशोरियों को नेपाल भेजा जा रहा था, जबकि दो किशोरियों को नेपाल से भारतीय बॉर्डर पार कराने की कोशिश में पकड़ा गया था, जबकि एसएसबी के जवान अक्सर ऐसे मामले को पकड़ रहे हैं।
एंटी ह्यूमन ट्र।फिकिंग के प्रभारी ने कही
इस बारें मे एंटी ह्यून टैफिकिंग यूनिट के प्रभारी रामकृपाल शुक्ल ने बताया कि बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट पर सर्विलांस के माध्यम से किशोरी की लोकेशन ट्रेस की गई, जिसके माध्यम से किशोरी मुक्त हो गई है। वह घर वापस आकर जो बयान देगी, उसके आधार पर इसमें शामिल लोगों की तलाश कर कार्रवाई की जाएगी।