बहुत लंबे हैं रसोई गैस कारोबारियों के हाथ, न रिकवरी हो पा रही न मुकदमा
नजीर मलिक
जांच के बाद कई रसोई गैस एजिसियों के खिलाफ मुकदमें और पैसे की रिकवरी के आदेश एक साल से सरकारी फाइलों की धूल फांक रहे हैंए मगर उनके हाथ इतने लंबे है कि विभाग उनके गिरेबान पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है।
सिद्धार्थनगर महालव गुरु समति के निदेशक अरूण कुमार त्रिपाठी की शिकायत पर जिले की सभी गैस एजेंसियों की जांच की गई थी। जांच के बाद दिसम्बर २०१४ में मुख्यालय की एक एजेंसी के खिलाफ ९९ हजार रुपये और मार्च २०१५ में इटवा की एक एजेंसी के खिलाफ १ लाख ४१ हजार की रिकवरी के साथ दोनों के खिलाफ मुकदमा कायम करने का आदेश हुआ था।
दोनों ऐजिसियों के खिलाफ आदेश पारित होने के क्रमशः ९ और ६ महीने बाद भी पूर्ति विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि गैस एजिसियों के हाथ बहुत लंबे है। इसलिए पूर्ति विभाग दोष सिद्ध होने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रहा है।
इस बारे में शिकायतकर्ता अरुण कुमार त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने गत २५ सितंबर को जिलाधिकारी को इस मामले में फिर से पत्र दिया। जिलाधिकारी ने कार्रवाई का आश्वासन भी दियाए मगर मामला वहीं का वहीं है। उन्होंने अब इस मुदृदे पर न्यायालय जाने की बात कही है।
याद रहे कि जिले में रसोई गैस की ब्लैक मार्केटिंग जोरों पर है। आये दिन इस मुदृदे को लेकर जनता सडक पर उतरती रहती हैए लकिन प्रशासन कभी इस समस्या को लेकर गंभीर होता नहीं दिखता है।