प्रेम का भांडा फूटने के डर से पोती और उसके प्रेमी ने किया था बूढ़ी दादी का कत्ल
सावित्री और उसके प्रेमी को दादी ने देख लिया था आपत्तिजनक अवस्था में, बेटे के बचाने के लिए मां ने लाश छुपाने में की मदद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।बांसी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में एक वृद्ध महिला की हत्या उसकी अपनी पोती ने की थी। हत्या का मकसद पोती के प्रेम का भांडा फूटने से बचाने को लेकर था। मगर लाश को दफन करते हुए हुई एक चूक ने आखिर पोती की प्रेम कहानी का भांडा फोड़ दिया।जिसके जुर्म के अपराध में फिलहाल तीन लोग गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गये हैं।
क्या था मौत का रहस्य
प्रेम और हत्या की यह लोमहर्षक कहानी बांसी कोतवाली के भड़ही चंवरताल गांव की है। मृतका 60 वषीया कोयली देवी पत्नी वाराणसीगत 19 अक्तूबर की रात से ही लापता थी। बुधवार को उसकी लाश गांव के बाहर मिट्टी में दबी बरामद हुई थी। पुलिस परेशान थी क्योंकि कोयली देवी की हत्या का कारण किसी की समझ में न आ रहा था। जांच में पाया गया कि मृतका के दोनों बेटे रोजगार के लिए दूसरे शहर में रहते हैं। वह अपनी पोती के साथ घर पर थी। पांच दिन पूर्व १९ अक्तूबर को वह गांव में मां दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन के लिए गई थी। इसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चल रहा था। आखिर झाख मार कर पलिस ने उसकी 16 वर्षीया पोती साबित्री (कल्पित नाम) से घुमावदार सवालों के जरिये पूछताछ शुरू की। पोती सावित्री उन सवालें का सामना न कर सकी और सारा राज खोल दिया।यहां गौर तलब है कि कोयली देवी की लाश बहुत हल्के गड्डे में डाली गई थी। यदि उसे गहराई में दफन किया जाता तो उसकी सड़ांध बहर न आ पाती न चरवाहे गांव वालों को खबर कर पाते।
पुलिस वालों के मुताबिक उसका गांव के ही एक लड़के से प्रेम सम्बंध था। लेकिन उन्नीस अक्तूबर की रात कोयली देवी देवी दर्शन कर लौटी तो उसने घर के अंदर पोती सावित्री को उसके प्रेमी के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया। इस पर पोती, उसके प्रेमी तथा मौके पर खड़े उसके दोस्त ने मिल कर कोयली देवी को वहीं मार डाला। बाद में उसकी लाश को गांव से बाहर मिट्टी में दबा दिया। कोयली देवी की लाश को दबाने में प्रेमी की मां ने भी सहायता की थी। इसलिए पलिस ने उसे भी अभियुक्त बना दिया।
कौन कौन पकड़े गये
घटना में मृतका कोयली देवी के पुत्र रामरतन की तहरीर पर पोती, प्रेमी और उसके साथ एक किशोर और युवक व प्रेमी की मां पर हत्या सहित अन्य धारा में केस दर्ज करके पोती, उसके प्रेमी और सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने के बाद उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहांं से दो नाबालिगों को बाल सुधार गृह बस्ती भेज दिया गया। इसके साथ ही बालिग आरोपी को जेल भेज दिया गया।
इस संबंध में एसओ बांसी अनुज कुमार सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। साथ ही दो नाबालिग सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें दो को बाल सुधार गृह व एक को जेल भेज दिया गया है।
सच छिपाने के लिए पोती ने की हत्या
हत्याकांड में शुरू से ही पोती ने शातिराना दिमाग लगाया है। दादी ने उसे प्रेमी के साथ देख लिया। एक युवक इनकी रखवाली में बाहर खड़ा था। सच लोगों के सामने न आए, इसलिए पोती ने प्रेमी और बाहर खड़े युवक के साथ मिलकर दादी की हत्या कर दी। फिर रात के अंधेरे में शव को बोरी में लेकर गांव के बाहर सीवान में पहुंचे। यहां कब्र पहले से तैयार थी। इसके बाद उसी में दफन कर दिए। इसमें प्रेमी किशोर की मां बेटे की गलती सामने न आए और राज राज बनकर रह जाए। इसलिए शव को दफनाने में सहयोग करने के लिए चली गई। हत्या के बाद लोगों से यह बता रही थी कि दादी प्रतिमा देखने के लिए गई थीं और लापता हो गईं।
जल्दबाजी में ऊपर छोड़ दिए थे शव, इसलिए पकड़े गए
लोगों के मुताबिक, शव के बारे में किसी को जानकारी नहीं लगती। लेकिन दफनाते समय जल्दबाजी में नीचे नहीं दबा पाए थे। लाश के फूलने के बाद दुर्गंध उठी। इसी को देखते हुए चरवाहे कब्र तक पहुंचे और फिर पुलिस को जानकारी दी। अगर शव थोड़ा और नीचे दबाया गया होता तो किसी को भनक तक नहीं लगती। क्योंकि लोग यह समझ जाते कि किसी ने मरे हुए जानवर को दफनाया है। एक चूक ने सलाखों के पीछे भेजने का रास्ता बना दिया।